12 साल बाद कूका छोड़ेंगे व्यापार मंडल की सरदारी

नगरोटा बगवां —नगरोटा बगवां व्यापार मंडल पर गत 12 वर्षों से काबिज अरुण मेहरा कूका ने अब बाजार की सरदारी छोड़ने का मन बना लिया है। लिहाजा किसी भी समय नगरोटा बगवां व्यापार मंडल को नए ओहदेदार मिल सकते हैं । विधानसभा की दहलीज पर अपने पैर जमा चुके अरुण मेहरा ने हाल ही में नगर परिषद की सदस्यता से त्याग पत्र देकर अपना उत्तराधिकारी भी सौंप दिया, जिसके बाद अब उन्होंने व्यापार मंडल को भी अन्य वारिस के हवाले सौंपने का अनौपचारिक  ऐलान कर दिया। हालांकि इससे पहले दो साल की समयावधि को दरकिनार कर अरुण मेहरा अपने प्रभाव व व्यापारियों का समर्थन जुटा कर एक दशक से भी ऊपर मंडल की अध्यक्षता निभाते रहे, लेकिन चुनावों की समय-समय पर उठती कमजोर आवाजें हमेशा कमजोर ही साबित हुईं  । मजेदार यह भी है पिछले लंबे समय से कारोबार से कोई नाता न होने के बावजूद उन्होंने व्यापार मंडल से न तो नाता तोड़ा और न ही पद छोड़ा जबकि एक छत्र मुखिया के रूप में डट कर स्थानीय कारोबारियों के हितों की पैरवी में भी कोई कसर नहीं छोड़ी । व्यापार से अलग हो  राजनीति में पैर पसारने के दौरान भी उन्होंने स्थानीय कारोबारियों को मुखिया की कमी महसूस नहीं होने दी । यही वजह है कि इतने लंबे समय तक बिना चुनावों के व्यापार मंडल का वजूद कायम रहा तथा चुनावों की बातें हवा हवाई होती रहीं ।  ‘दिव्य हिमाचल’ ने जब उनसे उत्तराधिकारी के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने साफ किया कि वे चाहते हैं कि व्यापार मंडल दलगत राजनीति से दूर रहे तथा ऐसे व्यक्ति नेतृत्व के लिए सामने आएं जो व्यापरियों के हितों की पैरवी कर सकें तथा दूरदर्शी व सूझबूझ वाले हों । उनका यह भी मानना है कि नई कार्यकारिणी सर्वसम्मति से बने तथा कोई विवाद उत्पन्न न हो इसके लिए कारोबारी स्वयं आगे आएं । साथ ही यह भी भरोसा दिलाया कि वह सरकार की ओर से नगरोटा व्यापार मंडल को हर संभव सहयोग देते रहेंगे । उधर, व्यापार मंडल के पुनर्गठन की हवा शहर में तेजी से फैलने लगी है तथा कयासों व चर्चाओं का बाजार गर्म है ।