25 साल से 15 किलोमीटर दायरे में डटे 22 हजार अध्यापक

शिक्षा विभाग ने सरकार को भेजी जुगाड़ भिड़ाने वाले शिक्षकों की सूची, ट्रांसफर को रहें तैयार

शिमला— पांच राज्य सरकारों का राज्यभिषेक देख चुके हिमाचल सरकार के 22 हजार से ज्यादा अध्यापक एक ही स्टेशन पर डटे हुए हैं। पिछले 25 वर्षों से एक ही विशेष क्षेत्र में सेवाएं दे रहे इन अध्यापकों की सैकड़ों पन्नों की सूची राज्य सरकार को प्रेषित की गई है। इसमें कहा है कि शिक्षा विभाग में सेवारत कुल सरकारी अध्यापकों में 22 हजार 148 पिछले 25 सालों में 15 किलोमीटर की परिधि में तैनात हैं। चुनावों से ठीक पहले जुगाड़ू अध्यापक इस रेडियस के भीतर आपसी सहमति से तबादला करवा लेते हैं। इस कारण अगली सरकार उनका तबादला करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती। अगली बार फिर ठीक चुनावी नगाड़ा बजने से पहले म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रोपोजल पहुंच जाती है। इस सूची में नामजद 22 हजार से ज्यादा इन अध्यापकों की डिटेल मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई है। शिक्षा विभाग से भेजी गई इस रिपोर्ट में राज्य सरकार से आगामी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। सूचना के अनुसार शिक्षा विभाग के सचिव अरुण शर्मा ने सभी निदेशालयों से एक ही जगह कुंडली मार कर बैठे अध्यापकों की सूची तलब की थी। इस दौरान खुलासा हुआ है कि हिमाचल सरकार का हर पांचवां अध्यापक पिछले अढ़ाई दशक से एक ही शहर और कस्बे में तैनात हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हर तीन-चार साल के बाद म्यूचुअल केस बनाकर एक-दूसरे की जगह तबादला करवा लिया जाता है। इस महारत के कारण इन अध्यापकों को कोई भी सरकार मर्जी के खिलाफ स्टेशन पर नहीं भेज पाई है। इनमें कुछ अध्यापकों के तबादला आदेश जारी होने के बाद उन्हें कानूनी रूप से अदालत में स्टे मिल गया। इस कारण जुगाड़ू अध्यापकों की जड़ें और मजबूत हो गईं। शिक्षा विभाग के सचिव ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि इन अध्यापकों को पहली बार दूसरे स्टेशन में भेजने की अनुमति दी जाए।

सचिवालय में तबादले के लिए ज्यादा भीड़ शिक्षकों की

प्रदेश में सवा लाख के करीब सरकारी अध्यापक हैं। सचिवालय में सबसे ज्यादा भीड़ शिक्षा विभाग से संबंधित कर्मचारियों के तबादलों के लिए जुटी रहती है। इससे आहत शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी तबादला आवेदनों पर हाथ खड़े करते हुए सहयोग की अपील की थी। इसके बाद शिक्षा विभाग के सचिव ने एक ही जगह अरसे से बैठे अध्यापकों की सूची तलब की है।