ओपन होंगे बिलासपुर नूरपुर, पांवटा के जंगल

प्रदेश के वनों में धूप और हवा न पहुंचने पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान

 बिलासपुर — हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जंगलों को ओपन किया जाएगा। बिलासपुर, नूरपूर और पांवटा साहिब के जंगलों को खाली करने के लिए वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। गत कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट की टीम ने बिलासपुर की भराड़ी रेंज का दौरा किया है। इसी के साथ अन्य दो जिलों में भी इनकी टीम निरीक्षण कर रही है, इन जंगलों में पाए जाने वाले चीड़, साल और खैर के पेड़ों का कटान शुरू किया जाएगा। इससे जंगलों में पाई जाने वाली अन्य कई जड़ी-बूटियां, और पेड़ों को धूप और हवा प्राप्त हो सके। वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि प्रदेश के पाए जाने वाले कुछ पेड़ और बूटियां ऐसी हैं, जिनको धूप और हवा न लगने से सड़ जाती हैं। इससे विभाग को काफी नुकसान होता है। वन अरण्यपाल बिलासपुर आरएस पटियाल ने बताया कि गत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की टीम बिलासपुर आई थी, जिसके चलते उन्होंने विभाग के साथ भराड़ी रेंज का दौरा किया और इस रेंज के तीन जंगलों को चिन्हित करके इसकी रिपोर्ट तैयार की। अधिकारी बताते हैं कि टीम बिलासपुर की सारी रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेगी। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि बिलासपुर में चीड़, पांवटा साहिब में साल और नूरपूर में खैर की सबसे ज्यादा संख्या है। गौर हो कि 1982-83 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश जारी हुए थे कि ग्रीन-री पेड़ों को बिलकुल भी काटा नहीं जाएगा। इनको काटने के लिए कोर्ट की गाइडलाइन को पूरा करना होगा, लेकिन इससे जंगलों में पेड़ों की संख्या ज्यादा बढ़ना शुरू हो गई और अन्य जड़ी-बूटियों की संख्या कम होने लगी। वहीं चीड़, साल और खैर के पेड़ों की कटान करने से वन विभाग को इनकम होगी।