कोटरोपी में पुल बनने के बाद रुकेंगे हादसे!

उरला  — एनएचएआई (नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने कोटरोपी में एनएच बहाल करने के कार्य के साथ-साथ मंडी-पठानकोट फोरलेन निर्माण को लेकर भी कदमताल शुरू कर दी है। इसके लिए मंडी से लेकर पद्धर तक सॉयल टेस्टिंग का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। एनएचएआई द्वारा गुरुवार को कोटरोपी स्थल का दौरा करने बाद यहां पर फोरलेन पुल निर्माण को लेकर योजना तैयार की गई। कोटरोपी घटनास्थल पर फोरलेन का हाई लेवल ब्रिज तैयार किया जाएगा, जिसका 150 से 200 मीटर लंबा स्पैन होगा।  लगभग 50 करोड़ रुपए का बजट हाई लेवल ब्रिज पर खर्च किया जाएगा। शुक्रवार को इसके लिए सॉयल का सैंपल लिया गया, जो लैब में भेजा जाएगा। एनएचएआई की मानें तो यहां फोरलेन के लिए फ्लाईओवर की कोई आवश्यकता नहीं है। हाई लेवल ब्रिज तैयार करके पहाड़ी से हो रहे भू-स्खलन की समस्या का स्थायी हल हो जाएगा। वहीं, एनएचएआई ने यहां फोरलेन की एलाइनमेंट को भी फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पद्धर क्षेत्र में फोरलेन मैपिंग का कार्य इन दिनों अंतिम चरण पर है। पठानकोट-मंडी एनएच के फोरलेन बनने से दोनों स्टेशनों की दूरी करीब 178 किलोमीटर रह जाएगी, जबकि अभी दोनों स्टेशनों की बीच की दूरी 208 किलोमीटर है। एनएचएआई ने सर्वे में यह भी साफ किया है कि फोरलेन निर्माण के दौरान मुख्य बाजारों और घरों को कम से कम प्रभावित किया जाएगा। बता दें कि कोटरोपी में अगस्त, 2017 में बड़ा हादसा हुआ था। यपहाड़ का बड़ा हिस्सा धंस जाने से दो बसें मलबे में समां गई थीं। इससे 45 लोगों की मौत हो गई थी।

उपायुक्त कहते हैं

उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि फोरलेन मैपिंग और सॉयल टेस्टिंग का काम चला हुआ है। फोरलेन के निर्माण के लिए दोनों ओर से 35 मीटर क्षेत्र रहेगा, जबकि पपरोला व बैजनाथ में 40 से 45 मीटर का क्षेत्र लिया जाएगा। इसके अलावा सड़क के दोनों ओर पांच मीटर क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो पाएगा। यदि किसी की निजी भूमि है तो वह केवल उसे पार्किंग के लिए प्रयोग कर सकता है।