गरीब गुरबत से निकले… वही असली जश्न-ए-आजादी

आजादी किसे अच्छी नहीं लगती। हम सभी खुली हवा में मर्जी से रहना चाहते हैं। आज हम आजाद देश के नागरिक हैं। हमें मर्जी से रहने,खाने,पहनने का अधिकार है। बरस 1947 से पहले ऐसा नहीं था। कड़े  संघर्ष के बाद मिली आजादी के हमारे लिए क्या मायने हैं। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर दिव्य हिमाचल ने युवाओं की राय जानी। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश…

(नाहन से सूरत पुंडीर)

युवाओं को मिले रोजगार व शिक्षा

 हिम्मत अत्री- सैनधार क्षेत्र के युवा हिम्मत अत्री का कहना है कि भले ही आजादी को 69 वर्ष पूरे हो चुके हैं, परंतु अभी भी देश में पर्याप्त रोजगार युवाओं के लिए नहीं मिल रहा है। देश में रोजगार पर आधारित शिक्षा मिलनी चाहिए तथा सरकार को चाहिए कि स्थानीय युवाओं को प्रदेश स्तर पर रोजगार में प्राथमिकता दें। जिस दर से आबादी बढ़ रही है उस दर से रोजगार के अवसर भी बढ़ने चाहिए।

स्वास्थ्य सेवाओं में करना होगा सुधार

अनिल ठाकुर- नाहन के नेहली धीड़ा के बीडीसी सदस्य अनिल ठाकुर का कहना है कि देश में अभी भी रोजगार व स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना शेष है। हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में जहां स्थानीय युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों मंे अभी भी आजादी के सात दशक बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं मंे सुधार नहीं हुआ है।

युवाओं को मिलें रोजगार के अवसर

नरेश पाबुच- जिला के शिलाई क्षेत्र के खड़काह निवासी नरेश पाबुच का कहना है कि भारत वर्ष विकसित देशों की श्रेणी मंे तो शामिल हो चुका है, परंतु अभी स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र मंे नई संभावनाओं की आवश्यकता है। कृषि के क्षेत्र में किसानों व बागबानों के लिए नई तकनीक ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचनी चाहिए। आजादी के मायने युवाओं के लिए तभी सार्थक होते हैं जब युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी शिक्षा दी जाए।

जरूरतमंदों को मिले सुविधाएं

पंकज तन्हा -नाहन के युवा साहित्यकार पंकज तन्हा का कहना है कि आजादी को परिभाषित करना बहुत कठिन है। जब देश गुलाम था उस समय आजादी के मायने अलग थे। आज इसके मायने अलग हैं। देश को आजाद हुए दशकों बीत गए हैं। लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। सही मायने में हम आजाद खुद को तब महसूस करेंगे जब अंतिम पायदान पर खड़े गरीब को भी मूलभूत सुविधाएं मिल पाएंगी।