चीनी मिलों की बढ़ेगी क्षमता

हरियाणा के सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा, 1100 करोड़ रुपए होंगे खर्च

 चंडीगढ़— हरियाणा सरकार राज्य में गन्ने की बढ़ती पैदावार के मद्देनजर सभी सहकारी चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाने का फैसला लिया है जिस पर लगभग 1100 करोड़ रुपए की लागत आएगी। सहकारिता राज्यमंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि शाहबाद सहकारी चीनी मिल में 60 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता का एथेनॉल संयंत्र स्थापित करने की योजना है। इसी प्रकार सोनीपत सहकारी चीनी मिल की पिराई क्षमता 1600 टीसीडी से बढ़ाकर 2200 टीसीडी की जाएगी। पानीपत चीनी मिल के आधुनिकीकरण, बिजली संयत्र और एथेनॉल संयंत्र की स्थापना कार्य चल रहा है तथा इसके बाद इसकी पिराई क्षमता 5000 टीसीडी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि डाहर पानीपत चीनी मिल आगामी पिराई सत्र से शुरू हो जाएगी। श्री ग्रोवर ने बताया कि सभी सहकारी चीनी मिलों ने सत्र 2017-18 में कुल 500 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की जबकि गत वर्ष इसी अवधि में यह 369 लाख क्विंटल थी। उन्होंने बताया कि सहकारी चीनी मिलें सत्र 2017-18 की गन्ना राशि का भुगतान किसानों को डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है। अभी गत सप्ताह लगभग 200 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है और शेष 110 करोड़ रुपए जल्द जारी किए जाएंगे।  उन्होंने बताया कि हैफेड ने आईएमटी, रोहतक में मेगा फूड प्रोजेक्ट स्थापित करने पर काम शुरू किया है, जिसके लिए केंद्र सरकार से 50 करोड़ रुपए का अनुदान मिल चुका है। इस परियोजना से लगगभग 1500 युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पहली बार हैफेड ने नैफेड से वर्ष 2018-19 में 2.75 लाख टन सरसों की खरीद की है। इसके अलावा हैफेड ने सरसों तेल निकालने के लिए किसानों से 36,940 टन सरसों की खरीद की है, जो राज्य में पहली बार हुआ है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ा है तथा सहकारी दुग्ध समितियों ने गत एक अप्रैल से 30 जून तक प्रतिदिन औसतन 4.02 लाख लीटर दूध की खरीद की है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 में पांच रुपए प्रति लीटर के हिसाब से प्रोत्साहन राशि का वितरण राज्य के लगभग 88 हजार दुग्ध उत्पादकों को सीधे उनके खातों में किया जा रहा है। सरकार के इसके अलावा सहकारी समितियों के दुग्ध उत्पादकों की बेटियों की शादी पर कन्यादान योजना भी शुरू की है तथा इस मद में मार्च 2015 से जून 2018 तक 1580 कन्याओं की शादी के लिए 17.39 लाख रुपए की राशि दी जा चुकी है।