जानलेवा मानसून…14 मौतें

शिमला— हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में गत 24 घंटों में आफत बन कर आई भारी बारिश ने एक ही दिन में 14 लोगों की जान ने ली है। बारिश के कारण जहां सरकारी और निजी संपत्ति, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों, संपर्क सड़कों और रास्तों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, वहीं स्थानीय जनजीवन भी बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य में अगले दिनों में बारिश के थमने के फिलहाल कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। भयंकर बारिश से सोलन जिला में सबसे अधिक सात लोगों की मौत हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के सोलन जिला के कंडाघाट उपमंडल की हिन्नर पंचायत के चकला गांव में सोमवार तड़के भू-स्खलन के कारण मकान ढहने से एक ही परिवार के दो बच्चों समेत चार लोगों की मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। घटना के समय परिवार घर में सोया हुआ था। एक अन्य हादसे में सोलन के परवाणु के निकट कौशल्या नदी को पार करने का प्रयास कर रहा प्राइमरी कक्षा का एक छात्र बह गया।  अर्की के पिपलुघाट में भी एक शख्स के बहने का समाचार है और कसौली के गड़खल गांव में एक मकान ढहने से एक आदमी की मौत हो गई। उधर, हमीरपुर जिला के भोरंज की झरलोग पंचायत के अंतर्गत थाणा गांव में एक घर के भू-स्खलन की चपेट में आने से घर में सो रही दादी-पोती की मलबे में दबने से  मौत हो गई। घर के अन्य सदस्य बाल-बाल बच गए। इसी तरह, मंडी जिला में बाढ़ और भू-स्खलन की चपेट में आने से तीन लोग काल के ग्रास बन गए। जिला के धर्मपुर में एक महिला मकान तले दब गई, जबकि मंडी के ही नाचन के जलाह में एक व्यक्ति खड्ड में बह गया। इसी तरह पंडोह के पास बाखली रोड में जीप के ब्यास नदी में गिरने से एक सवार लापता हो गया। बिलासपुर के स्वारघाट में भी यही आलम रहा। यहां भू-स्खलन से एक घर जमींदोज हो गया, जिसके नीचे दबकर एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। हादसों का सिलसिला यहीं नहीं थमा। ऊना जिला के चिंतपूर्णी में सड़क धंसने से एक इनोवा कार खाई में जा गिरी और उसमें बैठी अढ़ाई साल की बच्ची खाई में मलबे में दबने से जान गंवा बैठी। हादसे में इनोवा में सवार अन्य लोग बाल-बाल बच गए। यह परिवार कपूरथला से देवी दर्शन के लिए आया था। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने एक हजार करोड़ रुपए से ऊपर का नुकसान पहुंचाया है। सरकार द्वारा जुटाए गए प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार 593 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है, लेकिन सोमवार को हुई भारी बारिश से हुआ नुकसान इसमें शामिल नहीं है। सोमवार को एक ही दिन में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का झटका प्रदेश को लगा है। सरकारी एजेसी से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार मानसून के अब तक के सीजन में कुल 153 लोगों की मौत हो चुकी है। इनके साथ 149 पशु भी काल का ग्रास बने हैं। इसके अलावा 88 मकान विभिन्न स्थानों पर पूरी तरह से जमींदोज हो गए। इनके अलावा 597 मकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के चलते प्रदेश की 923 सड़कें बंद हो गई हैं और जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। कुल्लू जिला में मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भू-स्खलन के कारण अवरुद्ध है और इस मार्ग को खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। कांगड़ा जिला में 85 सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ है, जिनमें से अधिकतर सड़कों को सोमवार शाम तक खोल दिया गया। हमीरपुर में बंद 50 सड़कों को यातायात के लिए चालू कर दिया गया है, जबकि शेष 13 सड़कों को मंगलवार तक पुनः आरंभ कर दिया जाएगा। सोलन जिला में 102 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें से 62 सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। कुमारहट्टी-नाहन सड़क को भी छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। बिलासपुर जिला के स्वारघाट राष्ट्रीय उच्च मार्ग तथा बिलासपुर-शिमला सड़क पर यातायात बहाल कर दिया गया है, जबकि जिला की अंदरूनी सड़कों को खोलने का कार्य प्रगति पर है। किन्नौर जिला के मालिंग नाला तथा स्कीबा सड़क को बहाल कर दिया गया है और सांगला घाटी की सड़क को भी खोलने की कोशिशें जारी थीं। यहां पर कुछ पर्यटक भी फंसे हुए हैं। लाहुल-स्पीति जिला की समदो-काजा-ग्राम्फू सड़क भू-स्खलन के कारण अवरुद्ध है और मलिंग-काजा सड़क को बहाल कर दिया गया है। मंडी में राष्ट्रीय उच्चमार्ग-21 पर हनोगी के निकट मुख्य सड़क पर पानी भरने के कारण यातायात अवरुद्ध है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में भी भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इस बीच, ऐतिहासिक कालका-शिमला रेल मार्ग पर कोटी और शिमला के बीच अनेक जगहों पर भू-स्खलन होने के कारण इस रेललाइन पर रेलगाडि़यों का आवागमन रोक दिया गया है।