डिजिटल लॉकर में सेफ रहेंगे गाड़ी के कागजात

शिमला— राज्य में लोगों को अब अपने वाहनों के मूल दस्तावेजों को साथ रखने की जरूरत नहीं होगी। ये सभी दस्तावेज डिजिटल तौर साथ रखे जा सकेंगे। इसके लिए हिमाचल में भी डिजिटल लॉकर की व्यवस्था शुरू की जाएगी। प्रदेश में भी अब नागरिक डिटिजल लॉकर सिस्टम का इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल लॉकर में कई जरूरी दस्तावेजों को रखा जा सकेगा। हिमाचल में इसकी शुरुआत वाहनों के दस्तावेजों की जा सकती है। डिजिटल लॉकर में वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण सर्टिफिकेट, पीयूसी जैसे दस्तावेजों को डिजिटल तौर पर रखा जा सकेगा। हाल ही में केंद्र सरकार ने भी इस बारे में सभी राज्यों को एडवाइजरी भी जारी कर दी है। जानकारों के अनुसार राज्य में सबसे पहले पुलिस विभाग इस सिस्टम को अपनाने की तैयारी में है। पुलिस विभाग पहले ही ई-चालान सिस्टम पर काम कर रहा है। ई-चालान के तहत वाहन चालकों को डिजिटल चालान जारी किए जाएंगे। इसके लिए ई-चालानिंग की मशीन खरीदी जा रही हैं, जो कि इंटरनेट से जुड़ी होंगी और इनका कंट्रोल पुलिस मुख्यालय के सर्वर में रहेगा। इस सर्वर में चालान का सारा डाटा फीड रहेगा। यही नहीं, इन मशीन की डेबिट कार्ड से चालान के भुगतान करने की भी सुविधा रहेगी। वहीं, ई-चालान में अब डिजिटल दस्तावेजों को भी समाहित किया जाएगा।

ऐसे काम करेगा डिजिटल लॉकर

डिजिटल लॉकर वाले व्यक्ति को अपने वाहन की जांच के दौरान डिजिटल लॉकर का नंबर ट्रैफिक पुलिस को बताना होगा, जो कि मशीन में इस नंबर को फीड कर वाहनों के दस्तावेजों की जांच करेगा। वहीं, जिस तरह से वाहनों के कागजातों को भौतिक रूप से कब्जे में लिया जाता है ,वहीं इसमें नियमों का उल्लंघन करने पर वाहनों के डिजिटल दस्तावेजों को पुलिस द्वारा लॉक किया जा सकेगा। इस तरह कोई भी ट्रैफिक पुलिस कर्मी यह देख सकेगा कि इसके दस्तेवाजों को लॉक यानी कब्जे में लिया गया है कि नहीं। माना जा रहा है कि इस साल के आखिर तक पुलिस विभाग इस सिस्टम को लागू कर दिया जाएगा।