तीन तलाक बिल को करना पड़ेगा इंतजार

नई दिल्ली— तीन तलाक से संबंधित विधेयक पर राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच सहमति न बन पाने के कारण यह शीतकालीन सत्र तक के लिए टल गया। सरकार इस विधेयक को संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को पारित कराना चाहती थी और इसके लिए उसने विधेयक में कुछ संशोधन भी किए थे, लेकिन वह इस पर सहमति बनाने में विफल रही। विधेयक राज्यसभा की शुक्रवार की कार्य सूची में शामिल भी था, लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में गैर-सरकारी कामकाज के दौरान सदस्यों को सूचित किया कि सहमति नहीं बन पाने के कारण विधेयक को चर्चा के लिए पेश नहीं किया जाएगा। मुस्लिम समुदाय की विवाहित महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 को लोकसभा ने पारित कर दिया था और इसे गत जनवरी में राज्यसभा में पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष की आपत्तियों को देखते हुए सरकार ने इसे चर्चा और पारित कराने के लिए आगे नहीं बढ़ाया था। राज्यसभा में सत्तारूढ़ एनडीए का बहुमत नहीं है, इसलिए विधेयक पारित कराने के लिए विपक्ष का समर्थन जरूरी है। विपक्ष की आपत्तियों को देखते हुए मंत्रिमंडल ने इस विधेयक में गुरुवार को तीन संशोधनों को मंजूरी दी थी और सरकार चाहती थी कि इसे शुक्रवार को राज्यसभा में चर्चा और पारित कराने के लिए रखा जाए।