नई नीति से नहीं होगा विस्थापितों को फायदा

बिलासपुर— राज्य सरकार द्वारा हाल ही में अवैध कब्जों को रेगुलर करने के लिए पूर्व सरकार के समय बनाई गई पालिसी में किए गए आवश्यक संशोधन को भाखड़ा विस्थापितों ने नकार दिया है। भाखड़ा विस्थापित समिति का कहना है कि संशोधित नीति से केवल मात्र कुछ विस्थापितों को ही राहत मिल सकेगी, जबकि पूर्व सरकार के समय बनाई गई नीति में भी कुछ ऐसा ही हुआ। यदि सरकार बाकई विस्थापितों को राहत प्रदान करना चाहती है तो एक सही नई नीति का निर्धारण कर विस्थापितों को राहत प्रदान करे। समिति ने सदर विधायक सुभाष ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने की वकालत की है। सोमवार को सुबह भाखड़ा विस्थापित समिति का शिष्टमंडल समिति के महामंत्री जयकुमार की अगवाई में बिलासपुर सदर के विधायक सुभाष ठाकुर से उनके रौड़ा स्थित आवास पर मिला और उन्हें अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हिमाचल सरकार द्वारा 28 जुलाई को उनके संदर्भ में जारी किए गए अध्यादेश के प्रति रोष प्रकट किया गया है। शिष्टमंडल ने कहा है कि वर्ष 2011 में तो हिमाचल हाई कोर्ट के डबल बैंच ने जस्टिस कुरियन जोसेफ  की अध्यक्षता में सरकार को आदेश दिए थे कि यदि सरकार भाखड़ा विस्थापितों को कोई राहत देने के लिए नीति बनाना चाहती है, तो वह बना सकती है। शिष्टमंडल ने कहा कि नीति में संशोधन करने के बाद भाजपा सरकार ने जो अध्यादेश जारी किया है, उससे केवल कुछ परिवारों को ही लाभ मिल पाया है, जबकि हज़ारों परिवार पूर्व कांग्रेस सरकार की नीति की तरह ही इसके लाभ से वंचित होकर रह गए हैं। कुछ विस्थापित परिवारों के आवासीय प्लाट के साथ भूमि उपलब्ध न होने के कारण विवशतावश दूर-पार किए गए अतिक्रमण को ही नियमित किए जाने का लाभ दिया गया है, जबकि डियारा और मेन मार्केट में दुकानों के साथ किए गए अतिक्रमण को नियमित करने की ही व्यवस्था नहीं की गई है। शिष्टमंडल ने विधायक से आग्रह किया कि इस सारे मामले को मुख्यमंत्री और सरकार के समक्ष उठा कर विस्थापितों के हित में नई नीति का निर्माण कर अलग से अध्यादेश जारी किया जाए। उधर, विधायक ने समिति को शीघ्र राहत पहुंचाने का आश्वासन दिया है।

समिति का तर्क

विस्थापित समिति का तर्क है कि सरकार द्वारा बनाई गई इस नीति से 345 परिवारों, जिनके अतिक्रमण हटाने के हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दे रखे हैं, को कोई लाभ नहीं मिल पाया है। इसके अलावा जिन परिवारों में में एक से अधिक भाई हैं, उनमें प्रत्येक को 150 वर्ग मीटर का लाभ भी नहीं मिल पाएगा।