नरोदा मामले में अमित शाह का बयान झूठा

अहमदाबाद— गुजरात के नरोदा गाम में वर्ष 2002 में हुए नरसंहार की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी ने मामले में सुनवाई कर रही विशेष अदालत से कहा है कि मुख्य आरोपी एवं राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के बचाव में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का बयान ‘विश्वसनीय’ नहीं है और इस पर विचार नहीं होना चाहिए। पिछले साल सितंबर में शाह कोडनानी के पक्ष में बयान देने के लिए बचाव पक्ष की ओर से पेश हुए थे। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें पेशी की अनुमति दी जाए, ताकि वह कोडनानी के उस पक्ष में अपना बयान दे सकें कि वह मौका-ए-वारदात के दौरान उपस्थित नहीं थीं और उस वक्त वह विधानसभा में मौजूद थीं। इसके बाद वर्ष 2002 में जिस दिन दंगा भड़का (नरोदा गाम में नहीं) उस दिन वह सोला सिविल अस्पताल में थीं। विशेष सरकारी वकील गौरांग व्यास ने कहा कि शाह का बयान विश्वसनीय नहीं है, क्योंकि किसी अन्य आरोपी ने सोला सिविल अस्पताल में कोडनानी की मौजूदगी का उल्लेख नहीं किया है।