पिछला पैसा देने तक नहीं भरेंगे एंबुलेंस की टंकियां

शिमला — प्रदेश भर में 108, 102 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह प्रभावित हो चुकी है। बुधवार को डीजल और टायर खराब होने की वजह से प्रदेश भर में एंबुलेंस सेवा ठप रही। राज्य के कई जिलों में पेट्रोल पंप के अधिकारियों ने कंपनियों को लिखित में पेंडिंग बिलों की कॉपी भिजवा दी है। इसके साथ ही यह भी साफ कहा है कि जब तक पुराने बिल कंपनी चुका नहीं देती, तब तक एंबुलेंस गाडि़यों में डीजल नहीं भरा जाएगा। किन्नौर, कांगड़ा और चंबा के कई पेट्रोल के अधिकारियों ने पेंडिंग बिल बनाकर कंपनी को भेजे हैं। बुधवार को पूरे प्रदेश में एंबुलेंस सेवा का लाभ मरीजों को नहीं मिला। 108, 102 एंबुलेंस वाहनों का इतना अकाल पहली बार ही राज्य में देखा जा रहा है। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए परिजन जब इन दिनों 108 पर फोन करते हैं, तो कर्मचारियों का जवाब रहता है कि गाड़ी में डीजल नहीं है या यह भी कहा जाता है कि गाड़ी का टायर खराब है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार और हाई कोर्ट ने भी जीवीके ईएमआरई कंपनी को व्यवस्था सुधारने का मौका दिया है, लेकिन जिस तरह एंबुलेंस सेवा सही रूप से बहाल नहीं हो पा रही है, उससे काफी दिक्कतें आम लोगों को भुगतनी पड़ रही हैं। सरकार के आदेशों के बाद भी जीवीके कंपनी कर्मचारियों के साथ भी सही रूप से सामंजस्य नहीं बैठा पा रही है।  प्रोग्राम आफिसर आकाश ने कहा कि अधिकतर जगह बिलों की अदायगी कर दी गई है। 108, 102 एंबुलेंस सेवा का फायदा पहले की तरह लोगों को मिले, इसके लिए व्यवस्था पूरी तरह सुधारी जा रही है।

मरीज भरवाएं तेल

एंबुलेंस कर्मी जब कंपनी के अधिकारियों को फोन कर डीजल भरवाने की बात कर रहे हैं, तो उन्हें यह कहा जा रहा है कि अभी वे बंदोबस्त कर लें और बाद में उन्हें पेमेंट कर दी जाएगी। हालात ये हैं कि मरीजों को भी पेट्रोल भरने तक की सलाह कंपनी के सदस्यों की ओर से दी जा रही है। हालांकि कंपनी की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि उन्हें डीजल का सारा खर्चा वापस दिया जाएगा।

30 को मीटिंग

प्रदेश भर में ठप पड़ी एंबुलेंस सेवा की बहाली को लेकर 30 अगस्त को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक मनमोहन शर्मा ने जीवीके कंपनी व एंबुलेंस कर्मचारियों के साथ बैठक बुलाई है। यह बैठक सरकार और कोर्ट के निर्देशों के बाद आयोजित की जा रही है।