फिर होगी बिजली प्रोजेक्ट्स की बिडिंग

नई रियायतों के बाद कितने निवेशक परियोजनाएं चाहते हैं, पता चलेगा रुझान

शिमला— प्रदेश सरकार शेष बचे बिजली प्रोजेक्ट्स के लिए दोबारा बिडिंग करवाएगी। सूत्रों के अनुसार ऊर्जा उत्पादकों से बातचीत के बाद एक दफा यह देखा जाएगा कि नई रियायतों के बाद कितने निवेशक परियोजनाएं चाहते हैं। ऐसे में 25 प्रोजेक्टों की री-बिडिंग की सोची जा रही है। इसे लेकर ऊर्जा निदेशालय लगातार चर्चा कर रहा है और उच्चाधिकारियों से चर्चा के बाद इसकी तारीख तय की जाएगी। वैसे प्रोजेक्ट्स की बिडिंग में सरकार को बार-बार मायूसी हाथ लगती रही है, लेकिन अब क्योंकि सरकार ने पालिसी में संशोधन किया है और कई तरह की रियायतें उत्पादकों के लिए रखी हैं, जिसके बाद उम्मीद बढ़ी है कि शायद निवेशक हाथ आजमाएंगे। इनका रूझान देखने के मकसद से ही सरकार प्रोजेक्ट्स को री-बिड करने की सोच रही है। इसी महीने इस पर फैसला ले लिया जाएगा। वैसे बीच में विधानसभा का मानसून सत्र है, परंतु री-बिडिंग के मुद्दे पर बातचीत होगी। 24 को कैबिनेट की बैठक भी होनी है, जिसमें भी इस मामले पर चर्चा हो सकती है। राज्य सरकार ने नए निवेशकों के लिए अब 12 फीसदी मुफ्त बिजली रॉयल्टी फ्लैट कर दी है, यानी उन्हें केवल 12 फीसदी की रॉयल्टी देनी होगी, वहीं इसके साथ दस मेगावाट तक के प्रोजेक्ट्स की बिजली बोर्ड द्वारा खरीदा जाना अनिवार्य बनाया गया है। साथ ही 25 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट्स में ट्रांसमिशन चार्जेस से पूरी तरह छूट प्रदान की गई है और इन पर टैरिफ भी कामर्शियल आपरेशन शुरू होने पर ही तय होगा।

निवेशकों ने गिनाई समस्याएं

नए ऊर्जा उत्पादकों के लिए ये बड़ी रियायतें हैं, क्योंकि यही शर्तें पहले बाधक बनी हुई थीं। अब इन शर्तों का सरलीकरण किया गया है, जिससे उम्मीद है कि यहां नया निवेश ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ेगा। यही वजह है कि सरकार उन परियोजनाओं को दोबारा से बिडिंग के लिए लाना चाहती है, जिनके लिए पहले उत्पादन रूझान नहीं दिखा रहे थे। हाल ही में ऊर्जा उत्पादकों के साथ सरकार की चर्चा भी हुई है, जिसमें निवेशकों ने कुछ और समस्याएं गिनाई हैं। इन्हें दूर करने के लिए ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है, जो भी अपने सुझाव सरकार को जल्द देगी।