बरसात में काम आएगा 4751 करोड़ी प्रोजेक्ट

रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट से यूं ही बहकर नहीं निकल सकेगा पानी

शिमला— केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के लिए मंजूर हुआ 4751 करोड़ का रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट बरसात का पानी रोककर यहां सिंचाई के काम में लाने को मददगार साबित होगा। इसी सोच के साथ प्रदेश सरकार ने यह प्रोजेक्ट तैयार कर रखा है, जिसकी विस्तृत कार्य योजना पर आईपीएच विभाग काम शुरू कर रहा है। विदेशी एजेंसी से पैसा मिलने के साथ यहां प्रदेश भर में चैकडैम बनाने का काम शुरू होगा। यहां से ऐसी कूल्हें बनेंगी कि पानी सीधा लोगों के खेतों तक पहुंचेगा। प्रदेश में बरसात का पानी यूं ही बहकर निकल जाता है। रविवार रात से सोमवार तक हुई भयंकर बारिश का पानी भी यहां टिका नहीं, बल्कि बहकर निकल गया। हालांकि इस पानी ने यहां नुकसान काफी ज्यादा पहुंचाया, मगर यह पानी यदि कहीं रोका जाता, तो बाद में काम आ सकता था। आईपीएच ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर तैयार करने हैं, जिसके साथ भंडारण टैंक व चैकडैम बनाए जाएंगे। यहां पानी रोककर जरूरत के दिनों में इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। इसकी एक विस्तृत रूपरेखा तैयार है, जिसके लिए विदेशी फंडिंग एजेंसी से पैसा लेने का इंतजार हो रहा है। ग्रामीण विकास विभाग भी केंद्रीय योजनाओं के सहारे गांवों में चैकडैम का निर्माण कर रहा है, लेकिन यह छोटे-छोटे चैकडैम उतने अधिक प्रभावशाली नहीं हैं। आईपीएच विभाग का यह नया प्रोजेक्ट इस काम के लिए बेहतरीन होगा। मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भी चैकडैम बनने से न केवल भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा, बल्कि यहां बागबानों को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी।

बावडि़यों-खातरियों में होगा भंडारण

बरसात के दिनों में पुरानी बावडि़यां व खातरियों को भी नई जान मिली है। यहां पानी का भंडारण सही तरह से हो सकेगा तो इससे भी लोगों को बेहद राहत मिलेगी। कुल मिलाकर आईपीएच विभाग का यह प्रोजेक्ट दूरदर्शी सोच का परिचायक है, जिसे सिरे चढ़ाने के लिए राज्य सरकार को तेजी के साथ काम करना होगा। इन प्रोजेक्ट से आईपीएच की पेयजल व दूसरी स्कीमों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि जरूरत के समय वहां से पानी की क्लोरिनेशन करके इस्तेमाल किया जा सकेगा। सरकार ने विभाग को इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर तेजी के साथ काम करने को कहा है। विभाग के प्रमुख अभियंता अनिल बाहरी का कहना है कि बरसात के पानी को रोककर कई समस्याएं दूर होंगी। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद प्रक्रिया पूरा करने के लिए कहा गया है।