शिक्षा में सुधार को सलाम

सोनम वांगचुक एक लद्दाखी अभियंता, अविष्कारक और शिक्षा सुधारवादी हैं। वह छात्रों के एक समूह द्वारा 1988 में स्थापित स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख के संस्थापक-निदेशक भी हैं।

जन्म :1 सितंबर, 1966

शिक्षाः राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, श्रीनगर (1987)

पुरस्कार : ग्लोबल अवार्ड फॉर सस्टेनेबल आर्किटेक्चर

भारत के सोनम वांगचुक  का नाम इस वर्ष के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के विजेताओं में शामिल है। सोनम वांगचुक उन छह लोगों में शामिल हैं, जिन्हें इस पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया। रेमन मैग्सेसे पुरस्कार एशिया का सबसे बड़ा पुरस्कार है। फाउंडेशन ने वांगचुक की यह पहचान उत्तर भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा की विशिष्ट व्यवस्थित, सहयोगी और समुदाय संचालित सुधार प्रणाली के लिए की है, जिससे लद्दाखी युवाओं के जीवन के अवसरों में सुधार हुआ। इसके साथ उनकी यह पहचान आर्थिक प्रगति के वास्ते विज्ञान एवं संस्कृति का उपयोग करने को लेकर रचनात्मक रूप से स्थानीय समाज के सभी क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से लगाने के उनके कार्य के लिए की गई है।  वांगचुक ने शिक्षा, संस्कृति और पर्यावरण के जरिए सामुदायिक प्रगति के लिए बेहतरीन काम किया है।  सोनम वांगचुक को सरकारी स्कूल व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार, ग्रामीण समुदायों और नागरिक समाज के सहयोग से 1994 में आपरेशन न्यू होप शुरू करने का श्रेय भी प्राप्त है। सोनम वांगचुक एक लद्दाखी अभियंता, आविष्कारक और शिक्षा सुधारवादी हैं।  फिल्म 3 इडियट्स में आमिर खान वाला श्फुनशुक वांगड़ू का किरदार काफी हद तक इंजीनियर और इनोवेटर वांगचुक के जीवन पर ही आधारित था। वहीं, वांगचुक की आर्थिक प्रगति के लिए विज्ञान और संस्कृति का इस्तेमाल करने की पहल ने लद्दाखी युवकों के जीवन में सुधार किया। रेमन मैग्सेसे फाउंडेशन अध्यक्ष  ने कहा कि विजेता स्पष्ट रूप से एशिया की उम्मीद के नायक हैं,  जिन्होंने अपने प्रयासों से समाज को आगे बढ़ाया। सोनम वांगचुक को यह पुरस्कार 31 अगस्त, 2018 को फिलीपींस मनीला में प्रदान  किया जाएगा।