संदेह के घेरे में पुलिस

जयेश राणे, मुंबई

सनातन संस्था का नाम बम के विषय को लेकर देश में सुर्खियों में आ रहा है। बरामद हुए बमों को लेकर मन में सवाल है और उनके उत्तर नहीं मिल रहे हैं। यह सवाल पुलिस ने कार्रवाई में जो चीजें अपनी हिरासत में ली हैं, उन्हें मीडिया के सामने रखने के विषय से जुड़ा है। मुंबई में जिस घर पर एटीएस ने छापा मारा वहां से कुछ सामान (चद्दर में लपेटा हुआ) पुलिस एक गाड़ी में रख रही है, यह दिखाया जा रहा था। बम कह के उस घर से जो चीजें पुलिस ने हिरासत में ले ली हैं, उन्हें जनता को दिखाना चाहिए था। आमतौर पर किसी भी कार्रवाई में पुलिस जो भी चीजें हिरासत में लेती है, उसे मीडिया के सामने प्रकट करती है। उससे लोगों को पता चलता है कि पुलिस ने क्या हिरासत में लिया है, परंतु इस मामले में ऐसा न किए जाने से कुछ स्पष्ट नहीं है। भारतीय सेना की कश्मीर में आतंकवादियों के विरुद्ध मुहिम लगातार जारी रहती है। उस मुहिम में उन्हें मिली चीजें वह मीडिया को दिखाते हैं। मुंबई एटीएस सेना जैसे कदम कब उठाएगी, इसका मीडिया और जनता को इंतजार है।