10 अफसरों पर एफआईआर

पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने लगाया झूठे मामले में फंसाने का आरोप

शिमला— फोन टैपिंग के मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक आईडी भंडारी ने 10 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। उन्होंने इन अधिकारियों पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है, जिसके लिए प्राथमिकी छोटा शिमला थाना में दर्ज करवाई गई है। पुलिए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 218, 167, 441, 120बी व टेलिग्राफ एक्ट में मामला दर्ज किया है। श्री भंडारी का आरोप है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में इन अधिकारियों ने उनके खिलाफ झूठा मामला बनाया, जबकि कोर्ट में चल रहे पुराने मामले में उनके खिलाफ किसी भी तरह की कोई चार्जशीट नहीं हुई। उन्होंने पूर्व सरकार द्वारा चलाए गए मामले में अदालत में अपील की थी कि जो धाराएं पुलिस ने उन पर लगाई हैं, वे नहीं लग सकतीं और उनके खिलाफ किसी भी तरह का कोई केस नहीं बन सकता। अदालत ने भी उन्हें इस मामले में क्लीनचिट दे दी थी। मई 2017 में इस संदर्भ में अदालत का फैसला उनके पक्ष में आया था, जिसके बाद उन्होंने अब उन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है, जो फोन टैपिंग का केस बनाने में शामिल रहे हैं। बताया जाता है कि इस संबंध में अदालत का जो निर्णय आया था, उसी आधार पर पुलिस मेें प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। पूर्व पुलिस महानिदेशक मंगलवार को छोटा शिमला थाना में गए, जहां पर उन्होंने एक शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने अदालत के निर्णय की प्रति भी पुलिस को दी है। आईडी भंडारी के मुताबिक उन्होंने ऐसे 10 अधिकारियों के खिलाफ झूठा केस बनाने पर एफआईआर करवाई है। इनमें चार आईएएस पर दोष मढ़ा गया है, वहीं चार पुलिस के आलाधिकारी भी हैं। इनके अलावा दो दूसरे विभागों के अधिकारी हैं। उनका कहना है कि अदालत ने यह साफ कर दिया है कि उनके खिलाफ फोन टैपिंग में किसी भी तरह से केस नहीं बनता थ, बावजूद इसके बनाया गया है, लिहाजा अब इन अधिकारियों को वह कानूनी तरीके से सबक सिखाएंगे। उल्लेखनीय है कि कांगे्रस सरकार ने सत्ता में आने के बाद फोन टैपिंग मामले की जांच शुरू करवाई थी। पूर्व सरकार का आरोप था कि भाजपा सरकार के समय में फोन टैपिंग करवाई जाती रही। अभी तक इस मामले में एक जांच विजीलेंस के पास लंबित है। फोन टैपिंग मामले में कोई नतीजा सामने नहीं आया है। अब एक दफा फिर से यह मामला सुर्खियों में है और कानूनी दांवपेंच में कई पूर्व आला अधिकारी इसकी जद्द में आ सकते हैं।

* पूर्व डीजीपी ने एफआईआर करवा दी है। पुलिस कानून के मुताबिक आगे कदम उठाएगी। छोटा शिमला पुलिस को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। एफआईआर में किसी अधिकारी का नाम नहीं है, लेकिन इस मामले से जुड़े तत्कालीन अधिकारियों के बारे में कहा गया है

ओमापति जम्वाल, एसपी, शिमला