होरमुसजी कामा
एबीसी के चेयरमैन
समाचार पत्रों की पाठक संख्या और प्रसार की आंकलन करने वाले ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशंस (एबीसी) के की वर्ष ( 2018-2019) के लिए मैनेजमेंट काउंसिल का चयन कर लिया गया है। होरमुसजी कामा को सर्वसम्मपित से अगला चेयरमैन चुना गया है। श्री कामा आज तक आईएनएस,के अध्यक्ष रह चुके हैं। वे पीटीआई और एमआरयूसी के भी चेयरमैन रह चुके हैं। वर्तमान में भी वह इन सभी संस्थाओं के सक्रिय बोर्ड मेंबर हैं। कामा के अतिरिक्त मधुकर कामत को ब्यूरो का डिप्टी चेयरमैन चुना गया है। विज्ञापन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कामत डीडीबी मुद्रा के देवेंद्र वी दरदा को मानद सचिव और आईपीजी मीडिया ब्रांइस के शशिधर सिन्हा को मादद कोषाध्यक्ष चुना गया है। होरमुज मसानी महासचिव के तौर पर कार्य करेंगे। वे प्रेस काउंसिल के भी सदस्य है और रीडरशिप स्टडीज काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन हैं। वहीं मैथ्यू मलयाला मलयाला मनोरमा के वरिष्ठ सहायक संपादक हैं जो भारत की अग्रणी साप्ताहिक पत्रिका (द वीक) का प्रकाशन करती है। वे वॉशिंगटन में एसोसिएट प्रेस के कॉरेस्पॉन्डेंट भी रह चुके हैं। यह निर्णय नई दिल्ली में आयोजित पीटीआई की 67वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में लिया गया। लंबे समय से यह मांग उठती रही कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को अनुसूचित जाति आयोग और अनुसूचित जनजाति आयोग के जैसे ही संवैधानिक अधिकार मिले। यह केवल जातियों को ओबीसी की सूची में शामिल करने के लिए जिम्मेदार न हो। इसे भी वह अधिकार मिलें जिसके जरिए देश में ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण में अनियमितता के खिलाफ कार्रवाई कर सके। यह अधिकार इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि देश के कई हिस्सों में आरक्षण के सवाल जस के तस पड़े हैं। बैकलॉग की बढ़ती समस्या पर भी पहले आयोग विचार नहीं कर पाता था। अब इन सब पर विचार होगा।