किराया बढ़ाने को अड़े बस आपरेटर

प्राइवेट बस यूनियन ने सरकार से उठाई मांग, संघर्ष को तैयार

शिमला — हिमाचल प्राइवेट बस आपरेटर यूनियन न्यूनतम किराया बढ़ोतरी की मांग पर अड़ गए हैं। प्राइवेट आपरेटर यूनियन ने राज्य सरकार से न्यूनतम किराए में बढ़ोतरी की मांग उठाई है। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर राज्य सरकार न्यूनतम किराए में बढ़ोतरी नहीं कर सकती है, तो सरकारी बसों में प्रदान की जा रही रियायतें खत्म कर दे। हिमाचल प्राइवेट बस आपरेटर यूनियन की राज्य स्तरीय बैठक सितंबर माह के दूसरे माह में प्रस्तावित है। इस बैठक में यूनियन किराया बढ़ोतरी को लेकर संघर्ष की आगामी रणनीति तैयार करेगी। यूनियन के पदाधिकारियों ने साफ कर दिया है कि यदि सरकार ने समय रहते उनकी मांग पूरी नहीं की, तो प्राइवेट बस आपरेटर सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूक देंगे।  प्राइवेट बस आपरेटर यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूनियन पूर्व सरकार के समय से किराए में बढ़ोतरी की गुहार लगा रही है, मगर अभी तक सरकार द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है, जिससे निजी आपरेटर त्रस्त हैं। महंगाई के दौर में निजी आपरेटरों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। रमेश कमल ने कहा कि राज्य सरकार ने किराया उस समय तय किया था, जब डीजल की कीमतें 46 रुपए प्रति लीटर थीं। आज डीजल 70 रुपए तक पहुंच गया है, मगर किराया बढ़ाया नहीं गया है। एक ओर सरकार किराए में बढ़ोतरी नहीं कर रही है। दूसरी ओर राज्य सरकार सरकारी बसों में महिलाओं सहित विशेष श्रेणी के लोगों को कई तरह की रियायतें दे रही है। इससे निजी बसों में सवारियां कम हो गई हैं। आलम यह है कि निजी बस आपरेटरों को रोजाना का खर्च निकाला मुश्किल हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने समय रहते उनकी मांग पूरी नहीं की, तो निजी आपरेटर सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूक देंगे।