केंद्रीय बजट से स्कूलों में हाईटेक सुविधा

एसएसए ने सभी डाइट प्रिंसीपल को जारी किए निर्देश

शिमला— राज्य के सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा और हाईटेक सुविधाएं छात्रों को देने की तैयारी शुरू हो गई है। भारत सरकार की ओर से शिक्षा के बजट पर दिए जाने वाले बजट का सही रूप से इस्तेमाल हो भी रहा है, या नहीं, इस पर अब राज्य परियोजना निदेशालय की पूरी नजर रहेगी। हर साल स्कूलों को दिए जाने वाले बजट को अगर स्कूल प्रबंधन सही कामों में खर्च नहीं कर पाते हं, तो ऐसे में जिले के डाइट प्रबंधन यानी की प्रिंसीपल की जवाबदेही होगी। राज्य परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली ने इस बारे में डाइट प्रिसींपलों को निर्देश दे दिए हंै। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार और राज्य सरकार की ओर से हर स्कूल को मिलने वाले बजट को छात्रों को किस सुविधा के लिए खर्च किया गया, ये सब यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट में ऑनलाइन डाइट प्रिंसीपलों को दर्शाना होगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस वर्ष भारत सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत 810 करोड़ रुपए का बजट दिया है। भारत सरकार से बजट की पहली किस्त जारी भी हो चुकी है, जिसे समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य परियाजना निदेशालय ने डाइट संस्थानों के माध्यम से स्कूलों को आबंटित भी कर दिया है। 12 व 13 सितंबर को डाइट प्रिंसीपल के साथ बैठक करने के बाद राज्य परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली ने डाइट प्रिंसीपल को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों की सुविधाओं को लेकर बजट का सही उपयोग करें। उन्होंने डाइट प्रिंसीपल को समय-समय पर ऑनलाइन यूसी भेजने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य परियोजना निदेशालय ही कक्षा पहली से जमा दो तक के स्कूलों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत भारत सरकार से मिलने वाले बजट को आबंटित करते हैं। इस बार भी स्कूलों को डिमांड के तौर पर बजट दिया गया है। कई स्कूलों से बजट का सही रूप से खर्च न करने की शिकायत आने के बाद ही राज्य परियोजना निदेशालय इस बार शिक्षा के बजट को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि भारत सरकार से मिलने वाले बजट का इस्तेमाल छात्रों को हाईटेक सुविधाओं में किया जाए। स्कूलों में शुरू किए गए लर्निंग आउटकम प्लान को भी और बेहतर बनाने के लिए बजट की राशि का इस्तेमाल किया जाए।