कैपिटल सबसिडी की मियाद खत्म

 शिमला —केंद्र सरकार की कैपिटल इन्वेस्टमेंट सबसिडी की मियाद पूरी हो गई है। हालांकि अभी भी बड़ी संख्या में आवेदक इसके लिए आवेदन करने से छूट गए हैं, परंतु केंद्र द्वारा दी गई मियाद के पूरा होने पर अब इनको अंतिम रूप देने की तैयारी है। इसके लिए उद्योग विभाग ने 23 सिंतंबर को राज्य स्तरीय कमेटी की बैठक बुलाई है, जिसमें सभी आवेदनों पर मंथन किया जाएगा। प्रदेश सरकार भी चाहती है कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, लिहाजा उद्योगपति सरकार से इस मांग को उठाने लगे हैं। बताया जाता है कि औद्योगिक संस्थाओं ने प्रदेश की ओर से केंद्र को मांग भेजने की सिफारिश की है, वहीं अपने स्तर पर भी ये लोग केंद्र सरकार में मामला उठा रहे हैं। उम्मीद भी की जा रही है कि शायद केंद्र सरकार इसमें कोई रियायत प्रदान कर दे। फिलहाल 10 सितंबर तक आवेदन करने की आखिरी तारीख थी जिसपर बड़ी संख्या में उद्योगपतियों ने आवेदन उद्योग विभाग के उपनिदेशकों के माध्यम से किए हैं। ये सभी आवेदन मुख्यालय को भेज दिए गए हैं जिनपर बैठक में चर्चा की उनकी औपचारिकताओं को परखा जाएगा। काफी समय से कैपिटल इन्वेस्टमेंट  सबसिडी के मामले नहीं भेजे जा सके हैं, क्योंकि राज्य स्तरीय कमेटी की बैठक नहीं हो सकी। विभाग ने निर्णय लिया था कि तय तारीख तक आने वाले सभी आवेदनों को एक साथ भेजा जाएगा जिसके लिए ये बैठक 23 सितंबर को बुलाई गई है। केंद्र सरकार यदि इस सबसीडी के लिए आवेदन की तारीख को आगे बढ़ाती है तो यहां पर और कई उद्योगपतियों को इसका लाभ मिल सकेगा। औद्योगिक संस्थाओं से भी इस मसले को उठाया गया है, जिन्होंने अपने स्तर पर सरकार के सामने पक्ष भी रखा है। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने मार्च महीने में इसकी मियाद को बढ़ाया था।

निवेश के लिए एक्सटेंशन जरूरी

राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ये मियाद बढ़ना जरूरी भी है। यहां पर विशेष औद्योगिक पैकेज की रियायतें मिलने के बाद खासा विकास हुआ है, परंतु पूर्व की यूपीए सरकार के समय में विशेष पैकेज पर रोक लगाने से औद्योगिक विकास का ग्राफ गिर गया। यदि मौजूदा केंद्र सरकार प्रदेश को दी जाने वाली रियायतों को जारी रखती है तो इसका हिमाचल को फायदा मिलेगा।