घोटाले में आरोपी आईएएस को राहत नहीं

उत्तराखंड राष्ट्रीय राजमार्ग मामला, उच्च न्यायालय ने स्थानांतरित किया केस

नैनीताल – उत्तराखंड के बहुचर्चित राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) घोटाले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी डा. पंकज पांडे अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे। पंकज पांडे को उच्च न्यायालय से गुरुवार को कोई राहत नहीं मिल पाई। उनके मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी। डा. पांडे उधमसिंहनगर के राष्ट्रीय राजमार्ग घोटाले में निलंबित चल रहे हैं। उन पर आरोप है कि उधमसिंह नगर जिला में बतौर जिलाधिकारी रहते हुए उनके कार्याकाल में दस्तावेजों में हेराफेरी करके राजमार्ग के लिए अधिगृहीत भूमि का भू-उपयोग बदला गया है। किसानों की कृषि भूमि को पिछली तिथि में व्यावसायिक दिखाकर मुआवजा का खेल किया गया। लगभग 300 करोड़ के इस घोटाले की जांच शासन ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी है। एसआईटी अभी तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सभी आरोपी जेल में बंद हैं। इनमें पांच निलंबित प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) अधिकारी शामिल हैं। इनके अलावा राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एवं कुछ किसान भी शामिल हैं। एसआईटी ने इस मामले में दो आईएएस अधिकारियों डा. पंकज पांडे एवं चंद्रेश यादव की भूमिका भी इस संदिग्ध मानी है। एसआईटी ने इन दोनों अधिकारियों की भूमिका के बारे में शासन को अवगत कराया। सरकार ने इन दोनों अधिकारियों को पिछले दिनों निलंबित कर दिया था। साथ ही एसआईटी इनसे पूछताछ भी कर चुकी है। शासन की हरी झंडी मिलते ही इन दोनों अधिकारियों पर गिरफ्तारी की गाज गिरने की आशंका लगाई जा रही है। गिरफ्तारी से बचने के लिए देहरादून में तैनात रहे डा. पंकज पांडे गुरुवार को उच्च न्यायालय पहुंच गए। उन्होंने उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। सुनवाई से पहले ही न्यायाधीश शरत कुमार शर्मा की अदालत ने इस मामले को दूसरी अदालत को स्थानांतरित करने को कह दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा अब इस मामले में नई बेंच का गठन करेंगे।