जंगली फल खाने से 13 बच्चे बीमार

पच्छाद की द्राबली पंचायत की घटना, आईजीएमसी रैफर

सराहां —जंगली फल खाने से पच्छाद में 13 बच्चे बीमार हो गए, जिन्हें सोलन अस्पताल में भर्ती किया गया। गंभीर हालत होने पर उन्हें आईजीएमसी रैफर किया गया जहां उनका उपचार चल रहा है।   बुधवार को चबयोग स्कूल के बच्चों ने स्कूल की छुट्टी के बाद बेर समझकर जंगली फल खाए। इस पर एकाएक सभी बच्चे बीमार हो गए। इससे परिजन न केवल परेशान हुए, बल्कि सकते में भी आ गए। उन्होंने पहले तो घरेलू उपचार किया, लेकिन जब बच्चों की हालत  ज्यादा बिगड़ने लगी तब परिजनों ने उन्हें सोलन अस्पताल पहुंचाया। उसके बाद करीब एक बजे रात्रि को सराहां पुलिस को घटना की सूचना दी गई। पुलिस के मुताबिक पच्छाद थाना क्षेत्र की द्राबली ग्राम पंचायत के चबयोग स्कूल के नौ वर्षीय बंटी पुत्र जिया लाल गांव बजोड़ सरसू, 10 वर्षीय अभय, नौ वर्षीय अनुराग, आठ वर्षीय कर्ण व नितिन, छह वर्षीय संजना व आंचल, सात वर्षीय करिश्मा यह सभी बजोड़ गांव के बच्चे हैं, जबकि चबयोग की 10 वर्षीय अर्चिता व अर्पिता, सात वर्षीय अभय अस्पताल में उपचाराधीन हैं। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि बच्चों ने जहरीले फल का सेवन किया है या फिर अन्य दूसरी जहरीली चीज निगल ली है।  पुलिस अधीक्षक सिरमौर रोहित मालपानी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 आईजीएमसी में उपचार के बाद घर भेजे सभी छात्र

शिमला — प्रदेश के नाहन में जंगली फूड खाकर नौ बच्चों को फूड प्वॉयजनिंग होने का मामला सामने आया है। ये बच्चे सोलन अस्पताल से आईजीएमसी रैफर किए गए थे।  डाक्टरों का कहना है कि बच्चों ने जटरोफियां नामक प्वॉयजन खाया है, जो कि जंगली फल में पाया जाता है, जिससे वे बीमार हुए हैं। डाक्टरों का कहना है कि अब सभी बच्चों की हालत स्थिर है। जानकारी के अनुसार जंगली फल खाने वाले सभी बीमार बच्चों को गुरुवार को ही छुट्टी कर दी गई। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जंगली फल खाने से बच्चों के बीमार होने के मामले थम नहीं रहे हैं। दो माह पहले रोहड़ू और जुब्बल से भीे आठ के करीब बच्चे बीमार हुए थे, जिनका उपचार आईजीएमसी में करवाया गया था। आईजीएमसी के चिल्ड्रन विभाग के विभागाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा है कि अभिभावक छोटे बच्चों को जंगली फूड के बारे में अवगत करवाएं। उन्हें स्कूल आते-जाते समय जंगली फूड खाने के बुरे प्रभाव के बारे में भी जागरूक करें। डाक्टरों का कहना है कि बरसात के दिनों में जंगल में कई तरह के फल उगते हैं। ऐसे में गांव में जब बच्चे स्कूल जाते हंै तो उन्हें रास्ते से गुजरते समय जंगली फल खाने से रोकें। जंगली फल कई तरह के होते हैं और जिससे बच्चे एकदम से बीमार हो जाते हैं।  अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।