बिना पंजीकरण पालतू जानवर बेचे, तो जेल

केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पहली बार बनाए नियम

सोलन — देश में पहली बार पालतू जानवरों की खरीद-फरोख्त के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियम बनाए गए हैं। भारत के स्वतंत्र होने के बाद केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इन नियमों को तैयार कर इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार पालतू जानवरों के व्यापार को अब पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह नियम ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल इंडिया के दो वर्ष के निरंतर प्रयास के बाद जारी किए गए हैं। बिना पंजीकरण प्रमाण पत्र के पालतू जानवरों की बिक्री को गैर कानूनी घोषित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण प्रमाण पत्र के कोई व्यक्ति पालतू जानवरों से संबंधित व्यापार करता है, तो उसे जेल भी हो सकती है। अधिसूचना के अनुसार संबंधित व्यक्ति को अपने राज्य के पशु कल्याण बोर्ड से पंजीकरण प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा। बड़ी बात यह कि यदि किसी राज्य में पशु कल्याण बोर्ड नहीं है, तो राज्य सरकार को इसके लिए बोर्ड का गठन करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त पंजीकरण प्रमाण पत्र के लिए अधिसूचना के 60 दिन के भीतर आवेदन करना होगा। इसके अलावा प्रत्येक पालतू जानवर की दुकान या पालतू व्यापार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले किसी भी परिसर के लिए एक अलग आवेदन किया जाएगा। नियमों में पालतू जानवरों की बिक्री के लिए एक पशु चिकित्सक से एक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और 16 सप्ताह से अधिक उम्र के किसी भी पिल्ला के लिए लिखित व्यायाम योजना शामिल है। प्रत्येक दुकान मालिक नस्लों और पालतू पशुओं, व्यापार लेन-देन और उनके विवरण के आपूर्तिकर्ताओं के विवरण के साथ एक रिकार्ड बुक भी रखनी होगी, जिसमें पालतू जानवरों को खरीदने वाले ग्राहकों के रिकाड्र्स को भी रखा जाएगा। आलोकप्रर्णा सेन गुप्ता सदस्य, ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल इंडिया ने बताया कि पालतू जानवरों की बिक्री के लिए केंद्र सरकार ने 12 सितंबर को नियम बना लिए हैं। यह देश में पहली बार है, जब नियमों के दायरे में रहकर पालतू जानवरों की खरीद होगी।

बिना पंजीकरण खरीद-फरोख्त पर कार्रवाई

नियम में यह भी साफ कर दिया है कि यदि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण प्रमाणपत्र के पालतू जानवरों की खरीद-फरोख्त करते हुए पाया जाता है, तो ऐसी दुकानों को सील किया जा सकता है। इस सूरत में पालतू जानवरों को बार्ड द्वारा किसी भी मान्यता पशु कल्याण संगठन को भेजा जाएगा।