राहुल ने की रैली की अगुआई, सोनिया , मनमोहन धरने में हुए शामिल

नयी दिल्ली -पेट्रोलियम एवं आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में कांग्रेस के आह्वान पर भारत बंद की शुरूआत के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में प्रमुख विपक्षी दलों ने दिल्ली में राजघाट से रामलीला मैदान तक रैली निकाली।रैली के रामलीला मैदान पर पहुंचने के बाद वहां धरना दिया गया। धरने में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल, राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार, जनता दल(यूनाइटेड) नेता शरद यादव, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, तृणकूल कांग्रेस नेता सुखेंदु शेखर राय तथा अन्य नेता शामिल हुए।कैलास मानसरोवर की तीर्थयात्रा से आज सुबह ही लौटे श्री गांधी ने इससे पहले उन्होंने राजघाट पर गांधी जी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित करने वाले अन्य नेताओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, अहमद पटेल, आनंद शर्मा और रणदीप सुरजेवाला के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर, राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश नारायण यादव, आरएसडी के एनके प्रेमचंद्रन सहित कई नेता शामिल थे।कांग्रेस ने पेट्रोलियम एवं आम उपभोक्ता वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों और अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये की रिकार्ड गिरावट के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया है। बंद को 21 विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी को आम जन से 11 लाख करोड़ की ‘लूट’ करार दिया है जिसे पेट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद कर एवं अन्य करों के नाम पर वसूला जा रहा है। कांग्रेस पेट्रोल और डीजल को मूल्य एवं सेवा कर(जीएसटी)के दायरे में लाये जाने की भी मांग कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि ऐसा किये जाने से इन पदार्थों की कीमतों में कम से कम 15 रुपये प्रति लीटर की कमी आयेगी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में इस वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस विपक्षी एकजुटता को मजबूती देने के प्रयासों में लगी है। इसी प्रयासों के तहत आयोजित भारत बंद को बहुत से विपक्षी दलाें ने अपना समर्थन दिया है, जिनमें वामदलों के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी , समाजवादी पार्टी, जनता दल(सेक्युलर), राष्ट्रीय जनता दल और द्रमुक शामिल है। दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में रैलियां निकालेगी।