इन्क्रीमेंट रोकी तो होगा संग्राम

वेतनवृद्धि रोकने के फैसले पर विज्ञान अध्यापक संघ उखड़ा

मंडी – प्रदेश के स्कूलों में 25 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के फरमान का हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने विरोध किया है। संघ ने विभाग को चेताते हुए कहा है कि अगर शिक्षकों की वेतन वृद्धि को रोका गया तो संघ संघर्ष करने को विवश होगा। इस बाबत राजकीय विज्ञान अध्यापक संघ की राज्य स्तरीय बैठक मंडी में प्रदेशाध्यक्ष अजय शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि कम परीक्षा परिणाम के चलते मात्र 10वीं कक्षा को पढ़ाने वाले शिक्षकों को इसके लिए जिम्मेदार करार देना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि बच्चों के कम परिणाम के पीछे सबसे बड़ा कारण पहली से आठवीं तक फेल न करना है। कम परिणाम के पीछे शिक्षकों की कमी भी एक कारण है। बैठक में प्रदेश स्तरीय विज्ञान अध्यापक संघ का सम्मेलन आयोजित करने व संघ के खंड व जिला इकाइयों के त्रिवार्षिक चुनाव आगामी 30 अप्रैल तक करवाने व प्रदेश कार्यकारिणी के चुनाव मई 2019 में करवाने का निर्णय भी लिया गया। इस अवसर पर संघ के प्रदेश महासचिव अमृत महाजन, प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र ठाकुर, महासचिव जय सिंह ठाकुर, भीम सिंह ठाकुर, संजू शर्मा, सुनील कुमार, अशोक कुमार, पूजा वैद्य, मनीषा, मनोज कुमार, शशि कुमार, प्रवीण पराशर, रविकांत सहित सभी जिलों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

ये हैं संगठन की मांगें

शिक्षक संघ ने  7वां वेतन आयोग लागू करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 10वीं के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल नोटबुक देने, योगा व नैतिक शिक्षा आदि की परीक्षाएं बंद करवाने, विज्ञान अध्यापकों को देय प्रायोगिक भत्ता, सभी मिडल स्कूलों में मुख्याध्यापक के पद सृजित करने, पुराने पैटर्न पर टीजीटी साइंस पद पुनः बहाल करने की मांग उठाई है।