एक मंत्री, एक विभाग के पास शिक्षा की जिम्मेदारी

शिमला – हिमाचल प्रदेश में शिक्षा नीति के बदलाव को लेकर एक नया मोड़ सामने आया है। भारत सरकार ने सभी राज्यों सहित हिमाचल को भी नई शिक्षा पालिसी को लेकर प्रस्ताव भेजा है। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश की शिक्षा नीति में कोई संशोधन किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि एमएचआरडी की ओर से नई शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है, जिसमें मेडिकल, टेक्निकल, प्रोफेशनल कोर्सेज के अलावा प्राइमरी, मिडल और हाई अलग-अलग भागों में बंटी शिक्षा को एक ही विभाग में संजोए रखने का प्रस्ताव है। खास बात तो यह है कि मेडिकल और टेक्निकल मंत्री भी एक ही होगा। यानी कि प्रदेश के जो शिक्षा मंत्री होंगे, वह ही हर तरह की शिक्षा व्यवस्था को लेकर फैसला लेंगे। बता दें कि भारत सरकार काफी समय से शिक्षा की नई पालिसी में बदलाव करने की बात कह रहे हैं। यही वजह है कि भारत सरकार ने देश भर में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए सभी राज्यों को प्रस्ताव भेजे हैं, इस पर सुझाव भी मांगे गए हैं। देश भर के राज्यों में एक ही शिक्षा नीति अपनाई जाती है। हालांकि कई राज्य शिक्षा पालिसी के तहत स्कूलों व कालेजों में शिक्षा प्रणाली लागू नहीं करते हैं। भारत सरकार ने नई शिक्षा पालिसी पर क्या कार्रवाई की गई, इस पर जल्द रिपोर्ट भेजने के भी आदेश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार का यह प्रस्ताव हिमाचल को भी मिला है, जिसमें नई पालिसी पर स्टडी कर इसे लागू करने के आदेश दिए गए हैं। जानकारी मिली है कि नई शिक्षा नीति को समझने के लिए सरकार ने इस पर स्टडी शुरू कर दी है। साथ ही शिक्षाविदों से सुझाव भी मांगे जा रहे हैं। अहम यह है कि सरकार व शिक्षा विभाग भारत सरकार की नई शिक्षा नीति को अभी डिस्कलोज नहीं करना चाहती है। सूत्र बताते हैं कि हिमाचल की आर्थिक स्थिति को देखते हुए नई शिक्षा नीति का फैसला यहां पर ठीक नहीं बैठ सकता। यही वजह है गुप्त रूप से नई शिक्षा पालिसी पर सरकार व शिक्षाविद मंथन कर रहे हैं। हिमाचल में पुरानी शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में 12वीं कक्षा तक चार विभागों में बांटा गया है। इसमें प्राथमिक, मिडल, हाई और सेकेंडरी स्कूल के प्रशासनिक कार्य अलग-अलग विभाग में होते हैं। हाल ही में भारत सरकार के साथ नई शिक्षा नीति को लेकर सभी राज्यों की बैठक में हिमाचल से भी शिक्षा मंत्री ने भाग लिया था। बैठक में हिमाचल सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति को लेकर सुझाव दिए थे। भारत सरकार को हिमाचल के सुझाव नई शिक्षा नीति को लेकर पंसद नहीं आए थे। वहीं हिमाचल में नई शिक्षा नीति आ जाती है, तो ऐसा 1986 के बाद पहली बार होगा। हिमाचल में सालों से शिक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि आरटीई के कुछ एक नियमों में जरूर कुछ बदलाव समयनुसार किए गए गए हैं।