केंद्रीय मंत्रालय हरियाणा, हिमाचल से बैठक करे

शिमला —पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ हाई-वे के मामले में प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को आदेश दिए कि वह तुरंत प्रभाव से हरियाणा और हिमाचल के मुख्य सचिवों के साथ मीटिंग करे। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ के समक्ष बताया गया कि इस हाई-वे के निर्माण में हरियाणा की कृषि भूमि और हिमाचल की औद्योगिक भूमि अधिगृहित की गई है और केंद्र सरकार द्वारा इस भूमि के मुआवजे में विवाद है। खंडपीठ ने कहा कि नेशनल हाई-वे अधिनियम के तहत मुवावजे के विवाद का निपटारा करने के लिए प्रावधान दिया गया है और इन कारणों के कारण हाई-वे के निर्माण का कार्य नहीं रोका जा सकता। खंडपीठ ने कहा कि हाई-वे विकास के लिए रीड़ की हड्डी का कार्य करती है और इसके निर्माण को किसी भी हालात में नहीं रोका जा सकता। हाई कोर्ट ने इन तथ्यों के मद्देनजर केंद्र सरकार को आदेश दिए कि वह तुरंत प्रभाव से हिमाचल और हरियाणा के दोनों मुख्य सचिवों के साथ मीटिंग करे और इस अनुपालना रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करें। मामले की सुनवाई आगामी 30 नवंबर को निर्धारित की गई है।