न पार्टी, न संगठन लड़ेगा चुनाव

तिब्बत के पीएम ने चुनाव प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव   

धर्मशाला – निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्य ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए अपनी शक्तियों को कैबिनेट मंत्रियों को देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उनकी अनुपस्थिति में कोई भी काम हस्ताक्षरों के चक्कर में नहीं रुकेंगे। इतना ही नहीं, निर्वासित तिब्बत सरकार ने अपनी चुनाव प्रणाली में भी बड़ा परिवर्तन किया है। अब चुनाव संबंधी सारी प्रक्रिया मात्र 99 दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी। प्रधानमंत्री के चुनावों में न तो कोई पार्टी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है और न ही कोई दल या संगठन किसी व्यक्ति विशेष के लिए प्रचार कर सकता है। ऐसा होने पर संबंधित प्रत्याशी का चुनाव अवैध करार दे दिया जाएगा और उसे जुर्माना भी किया जाएगा। अब तिब्बती सरकार का प्रधानमंत्री बनने को मतदान प्रक्रिया के दौरान भी कई राउंड से गुजरना नहीं पड़ेगा, बल्कि पहले राउंड में ही 60 फीसदी से अधिक वोअ लेने वाले को विजय घोषित कर दिया जाएगा। निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री लोव सांग सांग्य ने बुधवार को सरकार द्वारा लिए गए कई अहम फैसलों पर मुहर लगाते हुए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने अपनी शक्तियों का विभाजन करते हुए कैबिनेट मंत्रियों को भी अपनी पावर दे दी है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री भी प्रधानमंत्री द्वारा ही मनोनीत किए जाते हैं। ऐसे में उनके द्वारा मनोनीत विश्वसनीय मंत्री उनकी गैर हाजरी में तिब्बती समुदाय के हित में कोई भी निर्णय ले सकते हैं। सांग्ये ने कहा कि चुनावों के दौरान प्रत्याशी दलगत राजनीति में उलझने के कारण समुदाय के मूल मुद्दे से हटकर राजनीति के रंग में रंगने लग पड़े थे। इसलिए तिब्बती सरकार ने यह बड़ा एवं अहम फैसला  किया है। उन्होंने कहा कि पहले राउंड में 60 फीसदी वोट हासिल करने वाले व्यक्ति को विजयी घोषित कर दिया जाएगा।