प्रदेश के अस्पतालों को मिलेंगी नई टेस्ट मशीनें

शिमला – हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में बार-बार धोखा दे रही टेस्ट मशीनरी के खराब होने का झंझट जल्द खत्म होगा। राज्य सरकार आईजीएमसी, टांडा सहित सभी अस्पतालों में एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे की नई मशीनें खरीदने जा रहा है। इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने योजना भी बना दी है। खास बात यह है कि सभी अस्पतालों में लगने वाली ये मशीनें मॉडल होगी। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा अस्पतालों को दी जाने वाली नई मशीनरी 128 से 256 स्लाइसेस वाली होगी। यानी हाई क्वालिटी वाली इन मशीनों में मरीजों की बीमारियों की रिपोर्ट साफ देखी जा सकती है। चिकित्सकों के अनुसार हिमाचल के अस्पतालों में अभी जो एमआरआई और सीटी स्कैन की मशीनें हैं, उसमें बीमारी का पूरा पता नहीं चल पाता है। यही वजह है कि चिकित्सकों द्वारा भी सरकार से अस्पतालों में नए मॉडल की टेस्ट मशीनें खरीदने की मांग काफी समय से की जा रही थी। अब जल्द ही वर्षों पुरानी मशीनों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी जाएगी। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लगने वाली नई मशीनों को आउटसोर्स पर स्थापित किया जाएगा। सरकार का प्लान है कि विदेशी कंपनी से हाई मॉडल की मशीनें जब मंगवाई जाएंगी तो किसी एक कंपनी को टेंडर दिया जाएगा, और वही कंपनी मशीनों की देखरेख से लेकर उसकी दिक्कतें ठीक करने का बेड़ा उठाएगी। बता दें कि एमआरआई, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड की नई मशीनें का सबसे पहले आईजीएमसी व टांडा में लगाई जाएंगी। जानकारी के अनुसार इस प्रोपोजल को स्वास्थ्य विभाग व मंत्री से बैठक करने के बाद मंत्रिमंडल में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इस मशीनरी की खरीद का कार्र्य शुरू कर दिया जाएगा।

नहीं बढ़ेंगे टेस्ट रेट

खास बात यह भी है कि हाई क्वालिटी की टेस्ट मशीनें लगने के बाद टेस्ट के रेट पुराने ही रहेंगे। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी राज्य सरकार ने टेस्ट रेट पहले की ही तरह रखने का फैसला लिया है।

निजी अस्पतालों में नहीं हाईटेक मशीनरी

हैरानी की बात है कि हिमाचल के प्राइवेट अस्पतालों सहित निजी लैब में भी छह स्लाइसेस से ज्यादा क्वालिटी की एमआरआई और सीटी स्कैन की मशीनें नहीं हैं। यही वजह है कि हिमाचल के अस्पतालों में मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट कभी भी पूरी तरह से सही नहीं आती। बता दें कि हिमाचल में हर बार टेस्ट रिपोर्ट में कोई न कोई बदलाव हमेशा देखा जाता है, लेकिन अब यदि सरकार की यह योजना सिरे चढ़ जाती है तो मरीजों को काफी राहत मिलेगी।