फीका रहा दूसरे चरण का चुनाव

881 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद; अनंतनाग में सबसे कम पड़े वोट, कई नेता नजरबंद

श्रीनगर -जम्मू-कश्मीर में निकाय चुनाव के दूसरे चरण में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 13 जिलों में फैले 263 वार्डों में मतदान हुआ। मतदान के जरिए जम्मू क्षेत्र के 214 वार्डों के 881 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा जबकि चार उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। इस दौरान जिला कठुआ में सबसे ज्यादा 39.4 प्रतिशत जबकि सबसे कम अनंतनाग में 0.6 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया। राज्य में दूसरे चरण में कुल 30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। विभिन्न इलाकों में मतदान में व्यवधान डालने के लिए घाटी में कई बूथ पर सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया। भीड़ पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। दक्षिण कश्मीर के खन्नाबल में शरारती तत्वों ने एक वोटर को पीटा जबकि रामबन में चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी की हृदयाघात से मौत के बाद मतदान रोकना पड़ा। नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी, कम्युनिस्ट पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया है।

प्रत्याशियों के घर पर हमला

श्रीनगर नगर निगम के लिए दूसरे चरण के मतदान से पूर्व मंगलवार को आतंकियों  ने एक निर्दलीय उम्मीदवार के मकान पर पेट्रोल बम से हमला किया, जबकि दूसरे प्रत्याशी के घर पर पथराव किया। इस बीच, सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर के लंगेट और दक्षिण कश्मीर के बिजबिहाड़ा में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाए। कश्मीर में सक्त्रिय आतंकी संगठनों ने इन चुनावों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों और मतदाताओं को जान से मारने और उनकी आंखों में तेजाब डालने की धमकी दे रखी है। आतंकियों ने चुनाव प्रक्त्रिया का एलान होने के बाद कश्मीर में 12 से ज्यादा पंचायत घरों में आग लगाने के अलावा पांच प्रत्याशियों के घरों पर ग्रेनेड हमले किए और दो नेकां कार्यकताओं की हत्या भी की है।

समय बदलने पर उमर अब्दुल्ला ने जताई हैरानी

नेशनल कांफ्रेंस के  उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के दूसरे चरण में बुधवार को हो रहे मतदान का समय सुबह छह बजे करने पर चुनाव आयोग के फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है कि उस समय मतदाताओं की वास्तविकता का पता लगाने के लिए कोई भी पत्रकार मौजूद नहीं होगा। श्री अब्दुल्ला ने ट््वीट कर कहा॑आखिर मतदान केंद्रों को सुबह छह बजे क्यों खोला गया और अगर मैं साजिश की थ्योरी में विश्वास करता हूं तो मेरा मानना होगा कि ऐसा इसलिए किया गया है कि इतनी जल्दी मतदान केंद्रों पर कोई पत्रकार नहीं जा सकेगा और न ही इस बात की पुष्टि हो सकेगी कि मतदाता वास्तविक थे या नहीं। अलगाववादी संगठन संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व(जेआरएल) ने इन इलाकों में बुधवार को हड़ताल का आह्वान किया है।