बीएड काउंसिलिंग पहली बार दो चरणों में

प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन का फैसला छात्रों पर पड़ेगा भारी, लगेंगे कई चक्कर

शिमला —हिमाचल प्रदेश में बीएड काउंसिलिंग का लंबे समय से इंतजार कर रहे छात्रों के लिए अच्छी खबर नहीं है। प्रदेश विवि में पहली बार निजी और सरकारी बीएड संस्थानों के लिए दो चरणों में काउंसिलिंग करवाने का फैसला लिया गया है। विवि प्रशासन के  इस फैसले से अधिकतर युवा वर्ग नाखुश नजर आ रहे हैं। छात्रों का कहना है कि पहली बार विवि प्रशासन ने बीएड काउंसिलिंग को अलग-अलग  करवाया है। युवाओं का आरोप है कि विवि के इस फैसले से बीएड करने वाले छात्रों को खासी दिक्कतें होंगी। बता दें कि इससे पहले प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा सरकारी और निजी बीएड कालेजों के लिए एक ही काउंसिलिंग शेड्यूल रहता था। सरकारी और निजी बीएड कालेजों के शेड्यूल के अलग-अलग होने से अब छात्रों को भी विश्वविद्यालय में काउंसिलिंग के लिए बार-बार चक्कर लगाने पड़ेंगे। निजी कालेज प्रबंधकों का कहना है कि पहले की तरह ही विश्वविद्यालय काउंसिलिंग के समय पर सीटों के लिए एफेडेविट ले सकता है। बता दें कि विवि प्रशासन द्वारा बीएड के लिए काउंसिलिंग की तिथि अलग-अलग करवाने से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों पर ज्यादा भारी पड़ेगी। एचपीयू में पहले से ही होस्टलों में छात्रों के रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं विवि के एजुकेशन विभाग और कालेज ऑफ एजुकेशन धर्मशाला की 350 सीटों के लिए काउंसिलिंग तीन अक्तूबर से होने जा रही है। वहीं निजी बीएड कालेजों के 73 कालेजों की सीटों को भरने के लिए काउंसिलिंग शेड्यूल एचपीयू जारी करेगा। अभी एचपीयू की ओर से सभी निजी बीएड कालेजों को अपनी सीटों की जानकारी देने को कहा है।

सीटों का ब्यौरा नहीं दे पाए निजी कालेज

शेड्यूल में हुए इस बदलाव के पीछे प्रदेश विश्वविद्यालय ने तर्क दिया है कि निजी बीएड कालेज अपनी सीटों का ब्यौरा नहीं दे पाए हैं। इसके अतिरिक्त बीएड में प्रवेश को लेकर और देरी न हो, इसके लिए सरकारी कालेजों का काउंसिलिंग शेड्यूल पहले जारी किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है यदि निजी बीएड कालेज सीटों का ब्यौरा दे देते हैं, तो सरकारी कालेजों के साथ काउंसिलिंग करवाने में कोई दिक्कत नहीं है।