सराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली, संगलवाडा, रैलचौक, कुथाह, जरोल, थुनाग, लंबाथाच, बागाचनोगी, भाटकीधार, चिउणी, बगस्याड़, ओडीधार इत्यादि क्षेत्रों में लावारिस छोड़े गए पशु किसानों व बागबानों की फसलों को चट कर रहे हैं। इससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। आवारा पशुओं से निजात को जब लोगों के विचार जाने तो उन्होंनेा कुछ यूं रखी बात…
हर साल बढ़ रही पशुओं की संख्या
भाटकीधार के भगत राम का कहना है कि लावारिस पशुओं की संख्या में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन पशुओं की गिनती करे और इनसे निजात दिलाए।
बाहर से आने वाली गाडि़यों की हो निगरानी
ढीम कटारू के रूप सिंह का कहना है कि बाहर से जो भी गाड़ी आती है, उसकी निगरानी की जाए और उसको चैक किया जाए, क्योंकि अधिकतर पशुओं को दूसरी जगह से अन्य जगह भेजा जाता है।
पशुओं को छोड़ने वालों पर हो कार्रवाई
तिलक राज जंजैहली का कहना है कि पशुओं को आवारा छोड़ने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता और लोगों को कानून का कोई डर नहीं है, जिस कारण लोग पशुओं को छोड़ रहे हैं।
पालतू पशुओं की टैगिंग जरूरी
बहलीधार के धनदेव का कहना है कि जो भी पशु किसान व बागबान घरों में पालते हैं, उनकी पूर्ण रूप से टैगिंग की जाए, ताकि जो भी किसान व बागबान पशुओं को छोड़ता है, उसका पता चल सके।
गोसदनों का हो निर्माण
जरोल के एमएल मेहता का कहना है कि लावारिस पशुओं के लिए गोसदन का निर्माण किया जाए और उन्हें सुरक्षित रखा जाए और जो लोग जानवरों को छोड़ रहे हैं उनके विरुद्ध कानून कार्रवाई करे।
जीवनसंगी की तलाश है? तो आज ही भारत मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें- निःशुल्क रजिस्ट्रेशन!