पंचायतों के भवन, नगर निगम मालिक

धर्मशाला—नगर निगम धर्मशाला में शामिल हुई नौ पंचायतों की प्रापर्टी की मालिक अब एमसी बन गई है। पंचायत क्षेत्रों में बनाए गए करोड़ों के 71 भवन अब नगर निगम धर्मशाला की प्रापर्टी बन गए हैं, लेकिन बड़े-बड़े भवनों का सही प्रयोग किए जाने के लिए नगर निगम ने अब तक कोई योजना ही नहीं बनाई है। इसके कारण कई भवन अब जर्र्जर हालत में भी पहुंचने लगे हैं। अढ़ाई वर्ष पूर्व नगर निगम धर्मशाला के गठन पर नौ पंचायतों को शामिल किया गया। अब पंचायतों की प्रापर्टी को नगर निगम धर्मशाला की संपत्ति बनाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। पंचायतों की संपत्ति एमसी धर्मशाला में शामिल होने से निगम करोड़ों रुपए के भवनों का भी मालिक बन गया है। मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम धर्मशाला को नौ पंचायत घर, आधा दर्जन के करीब सामुदायिक भवन, तीन दर्जन से अधिक महिला मंडल और हिमाचल ग्रामीण भंडार सहित अन्य भवन मिल गए हैं। पंचायतों के समय पंचायती राज विभाग सहित अन्य जारी होने वाले करोड़ों रुपए बजट से भवन तैयार किए गए हैं। इन्हें बनाने के लिए पंचायतों और लोगों को कई वर्ष तक कड़ी मेहनत भी करनी पड़ी है। लेकिन अब पंचायतों के शामिल होने से सभी संपत्ति नगर निगम धर्मशाला के हवाले हो गई है। करोड़ों रुपए खर्च करके तैयार किए गए पंचायत भवनों को अब तक सही इस्तेमाल निगम में नहीं हो पा रहा है। कुछेक पंचायत भवनों में ही पार्षद कुछ समय के लिए बैठते हैं। जबकि अधिकतर कामों के लिए नगर निगम धर्मशाला के चक्कर काटने के लिए ही मजबूर होना पड़ रहा है।  निगम ने पंचायत भवनों को पार्षदों के कार्यालय के रूप में सही प्रकार से संचालित करने की योजना बनाई थी। जो कि अब पूरी तरह से ठंडे बस्ते में बंद पड़ी हुई नजर आ रही है। इसके अलावा हिमाचल ग्रामीण भंडार सहित इसी तर्ज पर तैयार किए गए अन्य भवनों को भी योजनावद्ध तरीके से कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया जा रहा है। हालांकि निगम अब महिला मंडल भवनों को उनके द्वारा ही चलाने की रणनीति बना रही है। जबकि स्मार्ट सिटी धर्मशाला के अन्य भवन अपने लिए नीति का ही इंतजार कर रहे हैं।