आईपीएच स्कीम से हटाए जाएंगे ठेकेदार

दोबारा नहीं होगा एग्रीमेंट, आउटसोर्स कर्मचारियों के सहारे विभाग खुद चलाएगा योजनाएं

 शिमला —प्रदेश की 517 जलापूर्ति व सिंचाई योजनाओं से ठेकेदारों को हटाया जा रहा है। पूर्व सरकार के समय में इन योजनाओं के लिए ठेकेदारों के साथ एग्रीमेंट किए गए थे, जिनकी कार्यप्रणाली को लेकर विधानसभा में भी सवाल उठते रहे हैं। खुद कांगे्रस के भी कई विधायकों ने ठेकेदारों द्वारा पेयजल स्कीमों की दुर्गति का आरोप लगाया था, लिहाजा अब सरकार ने तय किया है कि ठेकेदारों से स्कीमों को वापस ले लिया जाएगा। इसमें सरकार ने यह तय किया है कि ठेकेदार के साथ एग्रीमेंट पूरा होने पर उससे स्कीम का काम वापस ले लिया जाएगा। अहम बात यह है कि अब पेयजल स्कीमों व सिंचाई योजनाओं की मेंटेनेंस का काम खुद आईपीएच विभाग देखेगा, जबकि स्कीमों को चलाने के लिए आउटसोर्स आधार पर कर्मचारियों को रखने का फैसला कैबिनेट ने ले लिया है। सूत्रों के अनुसार आउटसोर्स आधार पर रखे जाने वाले 2322 कर्मचारियों में लगभग 30 फीसदी कर्मचारियों की नए सिरे से भर्ती की जाएगी, जबकि 70 फीसदी कर्मचारी वही होंगे, जो ठेकेदारों के हवाले से काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को आउटसोर्स एजेंसी अपने अधीन लाएगी।

आउटसोर्स एजेंसी के लिए जल्द होंगे टेंडर

जानकारी के अनुसार आईपीएच महकमा  आउटसोर्स एजेंसी तय करने के लिए टेंडर करेगा। टेंडर डाक्यूमेंट लगभग तैयार है। बोर्ड व निगमों की तर्ज पर आईपीएच विभाग में आउटसोर्स एजेंसी को तय किया जाएगा। यह एजेंसी आईपीएच विभाग द्वारा तय मापदंडों को देखेगी और उसके मुताबिक ही यहां पर कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।

मेंटेनेंस का काम खुद आईपीएच विभाग देखेगा

ठेकेदारों के पास आईपीएच विभाग ने जो जलापूर्ति व सिंचाई योजनाएं दे रखी हैं, उनकी बेहद दुर्गति हुई है। इस तरह के आरोप लगे हैं, साथ ही विभाग ने भी देखा है कि योजनाओं में लगे उपकरणों में खराबी आ चुकी है। उनकी मशीनरी खराब हुई है, जिसका लाखों रूपए का नुकसान आईपीएच को उठाना पड़ रहा है, मगर ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए मेंटेनेंस का काम भी अब विभाग खुद ही देखेगा।

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