छात्रों को नहीं होगी होस्टल की दिक्कत

प्रदेश के कालेजों को ट्राइबल स्टूडेंट्स के लिए भारत सरकार करेगी मदद

शिमला – हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में पड़ रहे अनुसूचित जनजातिय छात्र-छात्राओं को अब होस्टल न मिलने की समस्या का सामना नहीं करना होगा। भारत सरकार प्रदेश के हर कालेजों को ट्राइबल के छात्रों को होस्टल देने के लिए हरसंभव सहायता करेंगी। प्रदेश में अनुसूचित जनजातिय छात्र- छात्राओं के लिए नए छात्रावास बनाने के लिए सभी कालेज प्रधानाचार्यों और उपनिदेशकों को जल्द प्रस्ताव भेजने के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में प्रदेश के डिग्री कालेजों और संस्कृत कालेजों सहित सभी उपनिदेशकों को आदेश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से जारी आदेशों में छात्रावास बनाने के संबंध में प्राथमिकता के आधार पर प्रस्ताव जल्द भेजने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि कालेज प्रशासन व उपनिदेशक बिना किसी देरी से प्रस्ताव भेजें, ताकि प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार से की जाने वाली अग्रिम कार्रवाई की जा सके। निदेशक ने बताया कि केंद्रीय राज्य मंत्री जनजातिय मामले, भारत सरकार द्वारा 29 नवंबर को हिमाचल प्रदेश का दौरा किया था। इस दौरान स्कूल कालेज अन्य संस्थानों में अनुसूचित जनजाति के छात्र व छात्राओं के लिए नए होस्टल के निर्माण के लिए प्रस्तावों को भेजने के लिए कहा गया था। प्रदेश के जनजातिय छात्र-छात्राओं के लिए नए छात्रावासों को बनाने के लिए प्रस्ताव भेजने से पूर्व ये सुनिश्चित करने को कहा गया है कि संस्थान के अधीन कितने छात्रावास संचालित हैं और इन छात्रावासों में ठहरने के लिए छात्र-छात्राओं के लिए कितनी-कितनी सुविधा वाले छात्रावास उपलब्ध हैं। इसके साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि छात्रावास में छात्र-छात्राएं उपरोक्त सुविधा से लाभान्वित हों। शिक्षा विभाग ने कहा है कि संस्थान में छात्रावास के भवन निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि के बारे में आगामी कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रावास के लिए चिन्हित की जाने वाली भूमि विवाद रहित हो। छात्रों का नामांकन अलग से वर्ग वार किया जाए। इसके अतिरिक्त चयनित भूमि की नवीनतम, जमाबंदी और ततीमा की प्रति के साथ औचित्य सहित प्रस्ताव जल्द भेजा जाएगा।