डिपुओं की चार दालों में से दो के सैंपल फेल

केंद्र सरकार ने दोनों दालों पर दी जाने वाली सबसिडी पर लगाई रोक

शिमला –हिमाचल को सस्ती दालों की आपूर्ति कर रही एनसीसीएफ एजेंसी की चार में से दो दालों के सैंपल फेल हो गए हैं। इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने हिमाचल की दोनों दालों पर सबसिडी जारी करने पर रोक लगा दी है। इसके चलते केंद्रीय मंत्रालय ने राज्य सरकार को दो टूक कहा है कि साबुत मूंग और साबुत उड़द दालों के सैंपल फेल होने पर अनुदान राशि जारी नहीं होगी। खास बात यह है कि एनसीसीएफ एजेंसी एक साल से हिमाचल प्रदेश के 18 लाख उपभोेक्ताओं को चारों दालों की आपूर्ति कर रही  है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने ऐलान किया था कि अक्तूबर 2018 से हिमाचल प्रदेश को प्रति दाल 15 रुपए सबसिडी दी जाएगी। इसी प्रक्रिया के चलते मंत्रालय ने हिमाचल को भेजी जा रही चारों दालों साबुत मूंग, दाल चना, मलका तथा साबुत उड़द के सैंपल भरे थे। सैंपलों की जांच में खुलासा हुआ है कि सरकारी एजेंसी नेफेड के गोदामों से हिमाचल को भेजी जाने वाली साबुत मूंग और साबुत उड़द घटिया किस्म की थी। इस कारण केंद्र ने सिर्फ दाल चना और मलका पर ही सबसिडी देने को हरी झंडी दिखाई है। जाहिर है कि हिमाचल सरकार प्रदेश के सभी परिवारों को साबुत उड़द तथा मलका 30 रुपए प्रति किलोग्राम, मूंग साबुत 40 रुपए प्रति किलोग्राम तथा दाल चना 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से दे रही है। राज्य सरकार पिछले दो दशकों से जरूरी खाद्यान्नों पर अनुदान दे रही है। हिमाचल सरकार की इस योजना की सराहना करते हुए केंद्र ने भी प्रति दाल 15 रुपए प्रति किलोग्राम सबसिडी देने का फैसला लिया था। इसी कारण सैंपलिंग की गई है।

सैंपल फेल होने से सकते में हिमाचल सरकार

हिमाचल सरकार पिछले एक साल से सभी दालों की सप्लाई एनसीसीएफ एजेंसी से ले रही है। लिहाजा सरकारी एजेंसियों के गोदामों में फेल हुए सैंपलों से हिमाचल सरकार भी सकते में है।

दाल सप्लाई के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार

केंद्र सरकार के इस अलर्ट के बाद राज्य सरकार ने भी एनसीसीएफ से साबूत मूंग और साबूत उड़द की आपूर्ति के लिए रेड सिग्नल दिखा दिया है। दालों की आपूर्ति के लिए दूसरे विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है।

केंद्र की सबसिडी से भरेगा सरकार का खजाना

केंद्र सरकार से 15 रुपए प्रति किलोग्राम सबसिडी मिलने से राज्य सरकार के खजाने को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार सभी दालों पर सबसिडी प्रदान कर रही है। अब केंद्रीय सहायता के कारण हिमाचल की सबसिडी राशि की बचत हो रही है।