धर्मशाला – मुख्यमंत्री ने कहा है कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई करेगी। प्रदेश सरकार ने इस मामले में एफआईआर छोटा शिमला थाना में दर्ज करवाई है तथा पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद अगले तीन दिन में केस सीबीआई को भेज दिया जाएगा। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सारे मामले की जड़ें प्रदेश के अलावा बाहरी राज्यों तक फैली हैं। इसलिए ही इस जांच को सीबीआई से करवाने के लिए केंद्र से आग्रह किया गया है। कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी द्वारा सत्र के आखिरी दिन नियम-62 के तहत 250 करोड़ के छात्रवृति घोटाले का मुद्दा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत सदन में उठाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पूर्व भी इस मामले को सीबीआई के पास भेजा गया था, लेकिन गृह विभाग ने इसे इसलिए वापस भेज दिया कि पहले प्रदेश सरकार एफआईआर दर्ज करवाए। यह बहुत ही गंभीर मामला है तथा सरकार की नीयत भी पूरी तरह से इसके आरोपियों को जेल के पीछे डालने की है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में किसी को बचाने की कोई कोशिश नहीं कर रही है। मामला प्रदेश ही नहीं, बल्कि प्रदेश से बाहर के शिक्षण संस्थानों और बैंकों से जुड़ा है, जिसके चलते सरकार ने इसे प्रदेश पुलिस से करवाने के बजाय सीबीआई से करवाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि यह घोटाला पूर्व कांग्रेस सरकार के समय का है फिर भी सरकार ने इसे बाहर लाया तथा इसकी जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की है। इससे पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह घोटाला पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का है, लेकिन भजपा की सरकार बनने के बाद इसे बाहर लाया गया। घोटाले में चंडीगढ़ के शिक्षण संस्थान भी हैं, वहीं नाहन से भी एक संस्थान इसमें संलिप्त है। सीबीआई इस मामले की जांच करेगी तथा पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष भी घोटाले की सीबीआई जांच का समर्थन करता है, लेकिन नाहन से जो संस्था इसमें संलिप्त है उसका नाम सदन को बताया जाए। शिक्षा मंत्री ने उनकी इस मांग पर संस्था का नाम हिमालयन टेक्नीकल इंस्टीच्यूट बताया।