नैतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ें

देहरादून – मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्राचीन व अर्वाचीन मूल्यों का सांमजस्य कर आगे बढ़ने से ही न्यू इंडिया व विश्व शांति का सपना पूरा हो सकता है। अपने सांस्कृतिक मूल्यों की विरासत को अगली पीढ़ी को सौपने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी हम पर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि चिंताजनक बात है कि हमारी जीडीपी तो तेजी से बढ़ रही है तथा हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने हुए हैं, लेकिन हेप्पीनेस इंडेक्स में हम पिछड़ रहे हैं। हमें अपने पुरातन में झांकने की जरूरत है। पीछे मुड़कर के देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शांति, सद्भाव व समृद्धि हमारी सभ्यता के सूत्र रहे हैं। हमारी संस्कृति में कहा गया है कि सत्य की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि  यह कड़वा सच है कि पश्चिम इधर आ रहा है तथा हम पश्चिम की ओर जा रहे है। यह एक ट्रांजिशन पीरियड है। हमें अपनी नई पीढ़ी व समाज को दिशा देनी है कि हमें किधर जाना है। इसमें शिक्षक, बुद्धीजीवी वर्ग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हमारी सनातनी परंपरा को पश्चिम के देश अपने जीवन में उतार रहे हैं परिणामस्वरूप वह ग्रॉस हेप्पीनेस इंडेक्स में बहुत आगे है। हमारी परंपरा वेलनेस टू हेप्पीनेस में पश्चिमी देश आगे है। आज तेजी आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था होते हुए भी ग्लोबल हेप्पीनेस इंडेक्स में भारत का स्थान 133वां है। वर्ल्ड पीस इंडेक्स में देश 137वें पायदान पर हैं। ग्रोस ईको प्रोडक्ट जब जीडीपी के साथ जुड़ जाता है तो यह ग्रोस हेप्पीनेस प्रोडक्ट बन जाता है। हमें ग्रोस हेप्पीनेस प्रोडक्ट के महत्त्व को समझना होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने  जौलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में प्रणव मुखर्जी फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘शांति, सामंजस्य  और प्रसन्नता के लिए परिवर्तनकाल से परिवर्तन’ विषय पर आयोजित द्धि-दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विजय धस्माणा, कर्नल बक्शी, मेयर ऋषिकेश अनिता मंमगाई, विभिन्न विश्वविद्यलायों के कुलपति व छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।