भारत-म्यांमार के बीच दो मसलों पर समझौता, कोविंद की सू की से मुलाकात

भारत और म्यांमार ने न्यायिक प्रशिक्षण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग पर दो समझौता ज्ञापनों पर मंगलवार को हस्ताक्षर कर अपने द्विपक्षीय संबंधों में और गर्माहट ला दी।इस अवसर पर भारत ने हिंसा से प्रभावित रहे म्यांमार के राखिने प्रांत में बनाये जा रहे 250 घरों (भारत की ओर से)पहले चरण में बनाये गये 50 घरों को भी म्यांमार के हवाले किया। गौरतलब है कि गत वर्ष राखिने में हुई हिंसा के बाद बहुत से लोग अपने घरों को छोड़ विभिन्न देशों में भागकर शरण लिए हुए हैं जिनमें से आठ लाख रोहिंग्या मुसलमान केवल बंगलादेश में शरण लिए हुए हैं। लोगों के पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए भारत ने अपनी आेर से 250 घर बनाने की घोषणा की थी जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। दोनों देशों के बीच हुए समझौता हस्ताक्षर के अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मीइंट मौजूद थे। श्री कोविंद ने श्री मीइंट के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की भी बातचीत की। मंगलवार को हस्ताक्षर किया गया पहला समझौता म्यांमार में न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण के लिए भारत की राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और म्यांमार के संघीय मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय के बीच हुई।दूसरा समझौता म्यांमार के शिक्षा मंत्रालय के अनुसंधान और नवाचार विभाग और भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग के लिए हुआ है।श्री कोंविद ने राष्ट्रपति भवन में स्टेट काउंसलर दाउ ऑँग सान सू की से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय मसलों और बहुपक्षीय मसलों पर भी विचार-विमर्श किया।

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