खेलों के लिए प्रयास आवश्यक

 राजेश कुमार चौहान, जालंधर (ई-पेपर के मार्फत)

मोदी सरकार ने खेलो इंडिया स्कूल गेम्स  टैग लाइन से जो देश के लगभग सभी राज्यों के स्कूलोंं के विद्यार्थियों को विभिन्न खेलों में प्रतिभा दिखाने का मौका दिया, काफी सराहनीय है। सरकारों के ऐसे प्रयासों से ही हमारा भारत दुनियाभर में हर खेल में नंबर वन बन सकता है। हमारे देश में क्रिकेट ही नहीं, बल्कि दूसरी विभिन्न खेलों के खिलाडि़यों और उनकी खेलों के प्रति महारत कम नहीं है, परंतु कमी है तो प्रशासन के सुस्त रवैये या फिर ऐसे माहिर खिलाडि़यों को आगे लाने वाली संस्थाओं की, जो ऐसे खिलाडि़यों को आगे आने के लिए प्रेरित या फिर सहयोग नहीं करती हैं। कुछ संस्थाएं हैं, जो खिलाडि़यों को आगे लाने या फिर खेलों के लिए अच्छी तरह तैयार करने के लिए बहुत ज्यादा धन लेती हैं, जिस कारण गरीब खिलाडि़यों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिलता है। सरकारों की भी एक आदत बन चुकी है कि जब कोई खिलाड़ी ओलंपिक या अन्य किसी मैच में अच्छा प्रर्दशन करता है, तो उस पर इनामों की बौछार कर दी जाती है। अगर राष्ट्रीय खेल हाकी की बात की जाए, तो सरकार की अनदेखी और इसके प्रचार न होने के कारण हमारे देश के बहुत से बच्चे तो क्या, बड़े लोग भी यह नहीं जानते होंगे कि यह हमारे देश का राष्ट्रीय खेल है। अगर सरकार शुरू से अपने देश के सभी खिलाडि़यों की सुविधाओं के प्रति गंभीर रहे और उन्हें प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने को उचित माहौल दे, तो हमारा देश हर खेल में नंबर वन बन सकता है।