कुल्लू। खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने कुल्लू जिला के विभिन्न गोदामों और राशन डिपुओं से चावल, गेहूं और चीनी के नमूने एकत्रित किए हैं। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कि ये सैंपल बंजार, सिधवां, मौहल, अपर ढालपुर, लोरन, कोलीबेहड़, डोभी, रायसन, दुआड़ा और कोयल गांव के डिपो से लिए लिए गए हैं। इन 14 नमूनों को जांच के लिए शिमला स्थित विभाग की प्रयोगशाला को भेजा गया है।
नौकरी की उम्मीद
सामान्य वर्ग को आरक्षण मिलने से इसका लाभ अवश्य सभी को मिलेगा। उन्हें खुशी है कि देश के प्रधानमंत्री ने इतना बड़ा फैसला सामान्य वर्ग के हित में लिया है। बहुत से सामान्य वर्ग के युवा आरक्षण न होने से कई बार विभिन्न प्रतियोगिताओं में पीछे रह जाते थे।
आरक्षण का मलाल
कहीं न कहीं सभी के मन में यह रहता था कि आरक्षण सामान्य वर्ग को न होने से वे आगे नहीं निकल पाते हैं। ऐसे में जो मलाल सामान्य वर्ग में था। वह भी इस आरक्षण के बाद से नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री के मंत्रीमंडल ने जो फैसला दस फीसदी सामान्य वर्ग को आरक्षण देने की बात कही है। उसका सभी सामान्य वर्ग को स्वागत करना चाहिए। ऐसे में अब जो आगे आरक्षण न होने पर आगे बढ़ने से रह जाते थे। उन्हें अवश्य इसका लाभ मिलेगा।
संविधान में संशोधन करना मुश्किल
सामान्य वर्ग को आरक्षण देना सराहनीय है, लेकिन कहीं न कहीं संविधान में संशोधन करना भी कठिन व मुश्किल है। अभी तक स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। सामान्य वर्ग को आरक्षण मिलेगा तो उसके पीछे मापदंड क्या होंगे।
आर्थिकी आधार पर हो आरक्षण
प्रतिवर्ष आठ लाख रुपए से कम आय वाले परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती में और उच्च शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश में दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह फैसला अगर इस तरह है तो काफी सराहनीय है। क्योंकि सामान्य वर्ग में बहुत से लोग गरीबी रेखा से नीचे भी हैं और ऊपर भी। ऐसे में सामान्य वर्ग को आरक्षण उनकी आर्थिकी के आधार पर ही मिलना चाहिए।
बैठकों तक सीमित न रहे आरक्षण
सामान्य वर्ग को आरक्षण काफी देरी से मिला है, जबकि यह कार्य पहले ही हो जाना चाहिए था। सामान्य वर्ग को आरक्षण मिलने की बात बैठकों व कागजों तक ही सीमित न रहे, बल्कि सही मायने में इसे धरातल पर भी उतारा जाए।