1.
बचपन से ही जिनके मन में, क्रांति जन्म लेती है,
आदेशित कुछ करने को ज्यों, भारत मां करती है।
खेतों में बंदूकें बोते, चट से बोल पड़े थे।
अंग्रेजों ने फांसी दी तो, हंसते हुए चढ़े थे।
2.
लोहा लेना अंग्रेजों से, बिना हिचक स्वीकारा,
झांसी की रक्षा में जिसको जीवन लगा न प्यारा,
वीर वेष धारण कर निकली, कौन रही वह रानी।
जिसकी अंतिम रक्त बूंद ने, हार न मन में मानी।
3.
वेष संत का भ्रमण निरंतर, सहज-सरल-उपकारी।
निर्धन नारायण की पूजा, ऐसे अतुल पुजारी।।
गांधीजी का साथ निभाया, गुणी और भूदानी।
उनका नाम बताओ बच्चो, जानें तुमको ज्ञानी।