बच्चों की सुरक्षा

बच्चे शारीरिक रूप से बहुत कमजोर होते हैं इसलिए उनका इम्यून सिस्टम भी व्यस्कों की तुलना में कमजोर ही होता है। यही कारण है कि मौसम का बदलाव, सर्द हवाएं और संक्रमण आदि की चपेट में बच्चे जल्दी आते हैं। जब बच्चे बीमार होते हैं, तो घरेलू नुस्खे अपनाने के बजाय तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। 90 प्रतिशत मामलों में यह देखा जाता है कि बच्चे दवा खाने से इनकार करते हैं, लेकिन पेरेंट्स का काम होता है कि वह जबरदस्ती या बहला फुसला कर उन्हें दवाएं दें। कई बार पेरेंट्स बिजी होने या बच्चों को मनाने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि दवा देते वक्त लापरवाही करने लगते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिन्हें आपको दवा देने से पहले जरूर अपनाना चाहिए।

किसी रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर से ही दवा लें- कभी-कभी डाक्टर की लिखावट समझ में नहीं आती या फिर दवा का नाम किसी और दवा से मेल खाता दिखता है। ऐसे में लोकल मेडिकल स्टोर पर अगर आप जाएंगे तो उन्हें जो समझ में आएगा वह उठा कर देंगे। इससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। कभी- कभी कोई दवा इतना रिएक्शंस कर जाती है कि बच्चों को एमरजेंसी में अस्पताल में एडमिट करना पड़ता है।

सही मात्रा में दवा दें- डाक्टर ने बच्चों को जिस मात्रा में दवा लेने को कहा है उन्हें उसी मात्रा में दें। आपने गौर किया होगा कि डाक्टर मरीज को दवा लिखने से पहले उसकी उम्र पूछता है। यानी डॉक्टर उम्र के हिसाब से ही दवा की डोज लिखते हैं। खानपान के बारे में भी पूछें- हर बीमारी और स्वास्थ्य समस्या का परहेज अलग होता है। कुछ रोगों में गर्म तासीर वाले फूड खाए जाते हैं जबकि कुछ में ठंडी तासीर वाले पदार्थों को खाने की सलाह दी जाती है। आपके बच्चे को जो रोग है उसके साथ क्या खाना है और क्या नहीं डाक्टर से जरूर पूछ लें। साथ ही दवा पानी के साथ लेनी है या दूध के साथ लेनी है इस बारे में भी डाक्टर का सुझाव बहुत जरूरी होता है।