29 दवाओं के रेट फिक्स

एनपीपीए के आदेश, कंपनियां नहीं बढ़ा सकती दाम

बीबीएन – नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए ) ने उच्च रक्त चाप, मधुमेह, दिल, दर्द व त्वचा रोगों सहित 29 दवाओं के अधिकतम दाम तय कर दिए हैं। दवा नियामक एनपीपीए ने इन दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाते हुए इनके खुदरा मूल्य तय किए हैं।  नेशनल फ ार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने जारी नोटिफिकेशन में 29 दवाओं के दाम संशोधित किए है। एनपीपीए ने स्पष्ट किया है कि जिन कंपनियों की दवाओं के दाम तय सीमा से ज्यादा हैं, उन्हें कम करना पड़ेगा,  लेकिन जिनके दाम इस सीमा से नीचे हैं,वे कंपनियां दाम नहीं बढ़ा सकती हैं। जिन दवाओं का अधिकतम मूल्य तय किया गया है उनमें उच्च रक्त चाप, मधुमेह, दिल, दर्द व त्वचा रोगों की दवाएं शामिल हैं। बतातें चलें कि एनपीपीए ड्रग्स प्राइस  कंट्रोल ऑर्डर 2013 के शेड्यूल में आने वाली आवश्यक दवाओं की अधिकतम कीमत तय करता है। जो दवाएं मूल्य नियंत्रण के तहत नहीं आती हैं निर्माताओं को उनका अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) सालाना 10 फ ीसदी की दर से बढ़ाने की अनुमति है।    फिलहाल एनपीपीए एक स्वायत्त संस्था है और दवाओं की कीमत के निर्धारण का फैसला स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से निर्धारित दवाओं पर स्वतंत्र रूप से लेती है,स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तैयार की गई सूची को अनिवार्य दवाओं की राष्ट्रीय सूची कहा जाता है, एनपीपीए पर दवाओं के दाम तय करने, इनमें संशोधन करने, डीपीसीओ के प्रावधान लागू करने और मूल्य नियंत्रण और इस दायरे से बाहर वाली दवाओं पर निगरानी की जिम्मेदारी है।  एनपीपीए एक फीसदी से ज्यादा मार्केट हिस्सेदारी वाली जितनी भी दवाएं हैं, उनकी कीमत का औसत निकाला जाता है, वही, अधिकतम मूल्य होता है।