ट्रांसफर व पोस्टिंग
सर्विसेज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ग्रेड-1 और ग्रेड-2 के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग केंद्र सरकार करेगी जबकि ग्रेड-3 और ग्रेड-4 के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का मामला दिल्ली सरकार के अधीन होगा। वहीं बिजली विभाग के ट्रांसफर, पोस्टिंग और बिजली के रेट दिल्ली सरकार तय करेगी। हालांकि जस्टिस भूषण सभी मुद्दों पर जस्टिस सीकरी से सहमत नहीं नजर आए।
सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा, चुनी हुई दिल्ली की सरकार कमशिन ऑफ इन्क्वायरी का गठन नहीं कर सकती। जस्टिस सीकरी ने कहा, ‘जरूरी है जॉइंट सेक्रटरी के ऊपर के अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का का अधिकार एलजी के पास रहे। हालांकि नीचे के अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर सीएम ऑफिस के नियंत्रण में हो सकता है।’
रेवेन्यू
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि जमीन से जुड़े मामले दिल्ली सरकार के नियंत्रण में रहेंगे। इसके मुताबिक दिल्ली सरकार जमीनों के रेट और मुआवजे की राशि तय कर सकती है। दिल्ली सरकार को राहत मिली है कि जमीनों का सर्किल सीएम ऑफिस के कंट्रोल में होगा।
केंद्र के पास ACB
ऐंटी करप्शन ब्रांच का अधिकार भी केंद्र को दिया गया है क्योंकि पुलिस बल केंद्र के नियंत्रण क्षेत्र में है।
गृह मंत्रालय ने 21 मई 2015 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें सर्विस मैटर, पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और भूमि से जुड़े मामले एलजी के अधिकार क्षेत्र में दिए गए थे। केंद्र सरकार गृह मंत्रालय ने 21 मई 2015 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें सर्विस मैटर, पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और भूमि से जुड़े मामले एलजी के अधिकार क्षेत्र में दिए गए थे। ब्यूरोक्रेट की सर्विस के मामले भी एलजी को दिए गए थे। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की कार्यकारी शक्तियों को सीमित कर दिया था।