बिंदास बजट…सबका साथ, सबका विकास

केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर दिन भर चर्चाओं का माहौल रहा। कर्मचारी, किसान, आम आदमी और व्यापारी से लेकर हर तबके के लिए पीयूष गोयल के पिटारे से कुछ न कुछ निकला। इसी पर कांगड़ा की राय जान रहा है प्रदेश का अग्रणी  मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ …..        पवन कुमार शर्मा, धर्मशाला

लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा बजट

कर्मचारी नेता सत्येंद्र गौतम ने कहा कि बजट कर्मचारी हितैषी है। उन्होंने कहा कि आयकर की सीमा अढ़ाई लाख से दोगुनी पांच लाख होना कर्मचारियों के लिए लाभकारी है। सत्येंद्र ने कहा कि लोगों व कर्मचारियों की उम्मीदों पर बजट खरा उतरा है।

टैक्स स्लैब बढ़ाकर दी हर वर्ग को राहत

धर्मशाला के व्यवसायी राजेश शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में टैक्स स्लैब बढ़ाकर जो पांच लाख रुपए तक किया है, उससे बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा किसानों सहित अन्य वर्गों को भी केंद्र के बजट से लाभ मिलेगा।

सिर्फ चुनावी स्टंट

बुद्धिजीवी इंद्र कुमार ने केंद्र के बजट को चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि इससे पहले भी मोदी सरकार ने 15 लाख रुपए हर खाताधारक को दिए जाने की बात कही थी, लेकिन बैंक अकाउंट खोलने पर लोग अपने पैसे तक नहीं निकाल पाए।  किसानों को छह हजार रुपए दिए जाने की बात कही गई, इसका भी उन्हें कोई विश्वास नहीं है।

मोदी सरकार को पहले देना चाहिए था ऐसा बजट

बच्चन सिंह राणा ने मोदी सरकार के अंतरिम बजट को चुनावी बजट बताते हुए कहा कि पहले आना चाहिए था। चुनाव बहुत नजदीक हैं, ऐसे में बजट को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि बजट को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया भी कुछ खास नहीं रही है।

बजट में कमजोर वर्ग का रखा ख्याल

मोंटू ने केंद्रीय बजट को हरेक वर्ग का हितैषी करार दिया है।  आयकर सीमा को बढा़ने के अलावा बजट में कई बेहतरीन प्रावधान किए गए हैं। बजट में छोटे किसानों को छह हजार रुपए सालाना मदद किए जाने के प्रावधान की सराहना करते हुए कहा कि बजट में समाज के सबसे कमजोर वर्गों की चिंता की गई है ।