जम्मू बस स्टैंड पर ग्रेनेड अटैक एक की मौत, 32 लोग घायल

भीड़-भाड़ वाले इलाके को निशाना बनाने वाला आतंकी गिरफ्तार

जम्मू – जम्मू के बस स्टैंड पर गुरुवार दोपहर का आतंकियों ने ग्रेनेड अटैक किया, जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई, जबकि 32 लोग घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से दो की हालत गंभीर है। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि सुरक्षा बलों ने ग्रेनेड फेंकने के आरोपी यासिर भट्ट को गिरफ्तार कर लिया है। जम्मू के आईजी मनीष सिन्हा ने बताया कि गुरुवार दोपहर 12 बजे के करीब भीड़भाड़ वाले इलाके में बने बस स्टेशन में एक बस के पास धमाका किया गया। यह ग्रेनेड हमला स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एसआरटीसी) की बस पर हुआ। बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। बस का ड्राइवर और कंडक्टर भी गंभीर जख्मी हुए हैं। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार एक संदिग्ध हमलावर ने ग्रेनेड से हमला किया और मौके से फरार हो गया। जांच एजेंसियों का कहना है कि हमले का मकसद सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना था। मृतक की पहचान उत्तराखंड में हरिद्वार के  टोडा, कल्याणपुर के निवासी मोहम्मद शारिक (17) के रूप में हुई है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल की प्रधानाचार्या सुनंदा रैना ने बताया कि 32 घायलों को यहां लाया गया है। इनमें से दो गंभीर घायलों का ऑपरेशन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने जम्मू जिला के बस स्टैंड पर ग्रेनेड हमले की निंदा की। उन्होंने मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपए का मुआवजा और घटना में घायल हुए लोगों को 20000 रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की।

हमले के पीछे हिजबुल मुजाहिदीन

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी यासिर भट्ट ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। यासिर भट्ट को कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन के जिला कमांडर फारूक अहमद भट्ट उर्फ उमर द्वारा इस ग्रेनेड को फेंकने का काम सौंपा गया था। हमले में चाइनीज ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ था।

बस स्टैंड पहले भी बना है निशाना

पिछले साल 29 दिसंबर को भी आतंकियों ने बस स्टैंड को निशाना बनाया था। उस समय आतंकी बस स्टैंड पर ग्रेनेड फेंककर भाग गए थे। तब कोई नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि बस स्टेशन के पास ही पुलिस स्टेशन भी है, फिर भी आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब हो गए।