जल्द भेजें प्लेसमेंट सैल का ब्यौरा

शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के कालेजों को भेजा रिमाइंडर, आदेशों की अनदेखी पर रुकेगी प्रिंसीपल की इन्क्रीमेंट

शिमला – हिमाचल के कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों को रोजगार देने की जिम्मेदारी कालेज प्रशासन की तय की गई है। बावजूद इसके राज्य के सैकड़ों कालेज सरकार के इन आदेशों को पूरा नहीं कर पाए हैं। शिक्षा विभाग ने कालेजों को रिमाइंडर जारी कर एक हफ्ते के  भीतर प्लेसमेंट सैल का ब्यौरा भेजने के निर्देश दिए हैं। जो कालेजों ने तय समय से पहले प्लेसमेंट सैल का ब्यौरा नहीं भेजेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यदि कालेज प्रबंधन सही ढंग से प्लेसमेंट सैल का ब्यौरा नहीं भेज पाते हैं, तो प्रधानाचार्य की इन्क्रीमेंट पर भी खतरा हो सकता है। खास बात यह है कि हर साल कालेज प्रबंधन की ओर से प्रोफेशनल कोर्स करने वाले कितने छात्रों को अच्छी कंपनियों में रोजगार दिलाया गया, इसके बारे में शिक्षा विभाग के पास हर साल रिपोर्ट जाएगी। हालांकि निदेशालय में कालेजों के प्लेसमेंट सैल पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिंग सैल का गठन कर दिया गया है। गौर हो कि सात मार्च को शिक्षा विभाग में हुई बैठक के दौरान प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए थे कि कालेजों में पढ़ाए जा रहे प्रोफेशनल कोर्स के सिलेबस को समय-समय पर मार्केट के मुताबिक बनाया जाए। इन विषयों में ओजेटी का प्रावधान करने को भी कालेज प्रबंधन को कहा गया था। वहीं, अभी तक कालेज प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया है। उनकी ओर से यही तर्क दिया जा रहा है कि वे यूजी की सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाओं में इन दिनों व्यस्त हैं। बता दें कि शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी कालेजों को तीन मार्च तक ब्यौरा भेजने के आदेश दिए थे। तय समय तक किसी भी कालेजों से ब्यौरा न आने पर विभाग ने नराजगी जाहिर करते हुए कॉलेज प्रबंधन को जल्द प्लेसमेंट सैल के बारे में डिटेल भेजने का आखिरी समय  दिया है। विभाग ने यह भी आदेश दिए है कि प्रोफेशनल कोर्सेज करने वाले छात्रों को स्पेशल ट्रेनिंग भी करवाई जाए। इसके साथ ही  एजुकेशन टूअर के दौरान छात्रों को बड़े-बड़े इंडस्ट्रियल एरिया में घुमाने के लिए ले जांए। शिक्षा विभाग ने कालेजों कोसेल्फ फाइनांस कोर्स शुरू करने के भी निर्देश जारी किए हैं।