ट्रेंड टीचर न होने पर बंद होंगे स्कूल

हिमाचल में आरटीई नियमों की पालना जरूरी, प्राइमरी-मिडल निजी विद्यालयों पर गिरेगी गाज

 धर्मशाला —नए शैक्षणिक सत्र 2019-20 में इस बार प्राइवेट स्कूलों में प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा छात्रों को पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं स्कूलों में प्रशिक्षित अध्यापक न होने पर निजी संस्थानों में ताले भी लग सकते हैं। शिक्षा का अधिकार आरटीई नियमों की पालना करना हिमाचल प्रदेश में पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में अप्रशिक्षित अध्यापकों के सहारे चलने वाले प्राइमरी व मिडल प्राइवेट स्कूलों पर गाज गिर सकती है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों से शिक्षकों की योग्यता दर्शाना अनिवार्य कर दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 को हिमाचल प्रदेश में भी पूरी तरह से लागू करने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले आरटीई के सभी नियमों को समस्त देश में लागू नहीं किया जाता था। वर्ष 2019 के नए शैक्षणिक सत्र से शिक्षा का अधिकार अधिनियमों की पालना करना अनिवार्य किया गया है। इसके तहत स्कूलों में प्रशिक्षित अध्यापकों का होना अति जरूरी है। अब तक प्राइवेट स्कूलों में अप्रशिक्षित अध्यापक भी प्राइमरी व मिडल तक के स्कूलों को पढ़ाने का कार्य कर रहे थे। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश भर में मौजूदा समय में सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में साढ़े 12 लाख से अधिक शिक्षक बिना किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण किए ही स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। हालांकि साढ़े 12 लाख शिक्षक पहली अप्रैल को अपना डीएलएड कोर्स पूरा करके ट्रेंड हो जाएंगे। वहीं हिमाचल प्रदेश के भी साढ़े 14 हजार शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है, लेकिन अब भी सैकड़ों शिक्षक बिना प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए ही स्कूलों में डटे हुए हैं। ऐसे में अब आरटीई के तहत अप्रैल के बाद भी स्कूलों में अप्रशिक्षित अध्यापक तैनात रहते हैं, तो स्कूलों की मान्यता पर भी सवाल उठ सकते हैं। मंत्रालय के निर्देशों के तहत बिना ट्रेंड टीचरों के स्कूल चलाने वाले को प्राइमरी और मिडल आठवीं तक की कक्षाएं भी बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं प्रशिक्षित शिक्षकों रखने वाले स्कूलों को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं रहेगा। उधर, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कांगड़ा राजकुमार शर्मा का कहना है कि नियमों के तहत अध्यापकों की योग्यता की जानकारी प्राप्त की जाएगी। इसके आधार पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।